दुर्ग। छत्तीसगढ़ के रिसाली नगर निगम में कांग्रेस की शहरी सरकार को उस समय करारा झटका लगा जब प्रमुख कांग्रेस नेत्री और महापौर परिषद (MIC) की सदस्य डॉ. सीमा साहू ( DR SEEMA SAHU ) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। उनके साथ 20 अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। यह घटना रिसाली निगम की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।
डॉ. सीमा साहू पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की भांजी हैं, सीमा ने बुधवार को दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की। यह समारोह भिलाई के सेक्टर-5 में सांसद विजय बघेल के निवास पर आयोजित हुआ। डॉ. सीमा साहू पहले रिसाली निगम में महापौर पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं और उनकी यह पार्टी बदलने की घटना कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. सीमा साहू और उनके समर्थकों का कांग्रेस नेतृत्व से मोहभंग हो गया था। उन्होंने भाजपा की नीतियों और केंद्र सरकार के विकास कार्यों से प्रभावित होकर यह फैसला लिया। सांसद विजय बघेल ने इस अवसर पर कहा, ‘डॉ. सीमा साहू एक कर्मठ और लोकप्रिय नेत्री हैं। उनके आने से भाजपा और मजबूत होगी। हम रिसाली निगम में विकास की नई गाथा लिखेंगे।’
डॉ. सीमा साहू के साथ उनके कई समर्थक कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। इनमें कई युवा और सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हैं, जो रिसाली निगम के विभिन्न वार्डों में प्रभाव रखते हैं। इस सामूहिक प्रवेश से भाजपा को स्थानीय स्तर पर और ताकत मिलने की उम्मीद है।
रिसाली निगम में कांग्रेस की सरकार पहले से ही बहुमत के आधार पर चल रही थी। डॉ. सीमा साहू के भाजपा में जाने से कांग्रेस का प्रभाव कमजोर हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना निगम की आगामी बैठकों और निर्णयों पर असर डाल सकती है।