द लेंस डेस्क। भारतीय छात्र ( INDIAN STUDENTS) तेजी से विदेश में पढ़ाई के लिए नए अवसरों की खोज कर रहे हैं। सख्त वीजा नियमों, कठिन पोस्ट-स्टडी जॉब संभावनाओं और कनाडा, हार्वर्ड और ट्रम्प प्रशासन में संपत्ति संकट के कारण अब जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, जापान, दुबई और दक्षिण कोरिया जैसे देश ‘बिग 4’ (यूएस, यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया) से ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स में आयी एक खबर के मुताबिक़ 70% भारतीय छात्र अब ‘बिग 4’ के बजाय अन्य देशों को चुन रहे हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की लोकप्रियता में करीब 50% की कमी आई है। आंकड़े इस बदलाव की साफ तस्वीर पेश करते हैं।
2024 में छात्रों का इनटेक (प्रतिशत में)
कनाडा: 41%
ब्रिटेन: 26%
अमेरिका: 13%
इन देशों में सख्त वीजा नियम, पोस्ट-स्टडी जॉब की कमी और रहने की बढ़ती लागत ने छात्रों को नए विकल्पों की ओर धकेला है।
जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या
2022: 20,684
2024: 34,702
यानी, दो सालों में 67% की वृद्धि दर्ज की गई।
फ्रांस में भारतीय छात्रों की संख्या
6 साल पहले: 6,406
2024: 8,536
इस दौरान फ्रांस में भारतीय छात्रों की संख्या में 33% की बढ़ोतरी हुई।
कनाडा और ब्रिटेन में कमी
2024 में कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या 41% घटी।
2023 की तुलना में ब्रिटेन में 13% की कमी आई।
जर्मनी में पिछले तीन सालों में वृद्धि
जर्मनी की बीडब्ल्यू होचशुले-यूनिवर्सिटी में अनुप्रयोग विज्ञान में 18-20% की वार्षिक वृद्धि देखी गई, खासकर मास्टर प्रोग्राम्स में। फॉरेन एडमिट्स के सर्वे के अनुसार 70% भारतीय छात्र अब ‘बिग 4’ के बजाय अन्य देशों को चुन रहे हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की लोकप्रियता में करीब 50% की कमी आई है।
आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि भारतीय छात्र अब नीति स्थिरता, सस्ते वीजा और बेहतर पोस्ट-स्टडी अवसरों वाले देशों की ओर रुख कर रहे हैं। ‘बिग 4’ की चमक फीकी पड़ रही है और नई मंजिलें भारतीय छात्रों के सपनों को नया आकार दे रही हैं।