The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
रायपुर के 4 स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण, कलेक्टर बोले– दावा आपत्ति के लिए खुले हैं दरवाजे
पुतिन ट्रम्प की बातचीत में उठा ऑपरेशन सिंदूर का मामला, क्रेमलिन ने कहा ट्रंप ने युद्ध रुकवा दिया
ट्रंप और मस्क की जिगरी दोस्ती टूटी, एक दूसरे पर आरोपों की बौछार
Raipur Breaking: महादेव घाट इलाके में मनचलों ने लड़कियों से की मारपीट, एक युवती की उंगली काटी, मुंह और शरीर पर आई गंभीर चोटें
छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में शिक्षकों को राहत, दावा-आपत्ति को लेकर हाईकोर्ट का आदेश
बेंगलुरु भगदड़ : आरसीबीए, केएससीए और इवेंट कंपनी के खिलाफ एफआईआर
सीएम साय ने बादाम का पौधा रोपकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
केरल सरकार ने क्‍यों किया राज्यपाल के कार्यक्रम का बहिष्कार, आरएसएस से जुड़ा है मामला
रायपुर में नगर निगम कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सुरक्षा की मांग को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बिजली अफसर पर क्‍यों टूट पड़ी बागी पान सिंह तोमर की पोती
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Lens > लेंस अभिमत > कांशीराम की विरासत
लेंस अभिमत

कांशीराम की विरासत

Sudeep Thakur
Last updated: March 15, 2025 6:33 pm
Sudeep Thakur
Share
SHARE

दलित चिंतक कांशीराम की 91वें जयंती के मौके पर उनकी अनुयायी और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने जातिगत जनगणना की मांग दोहराई है, जिसके राजनीतिक निहितार्थ स्पष्ट हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि वह खुद अपनी नैतिक-राजनीतिक आभा खो चुकी हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि समकालीन भारत के राजनीतिक चिंतकों की जब भी चर्चा होगी, कांशीराम को दलितों और वंचितों के हक के लिए लड़ने वाले मौलिक चिंतक के रूप में याद किया जाएगा। यह कांशीराम ही थे, जिन्होंने एक दलित स्कूल शिक्षिका मायावती की शिनाख्त ऐसी उभरती नेता के रूप में की थी, जिसने देश के सबसे बड़े सूबे की कमान तक संभाली। मगर आज बहुजन समाज पार्टी अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रही है, तो इसकी जिम्मेदार भी मायावती ही हैं, जिन्होंने भले ही अभी अपने भतीजे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन कुनबापरस्ती को बढ़ावा देने से गुरेज नहीं किया। वास्तविकता यह है कि बसपा आज कांशीराम की विचारधारा से बहुत दूर हो चुकी है, जबकि यह बसपा संस्थापक ही थे, जिन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त जाति की जटिल संरचना को न केवल ठीक से समझा, बल्कि यह स्पष्ट लाइन भी रखी कि, जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी! इसलिए हैरत नहीं कि प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी तक उन्हें याद कर रहे हैं। कांशीराम की जयंती पर मायावती खुद को भले ही “लौह महिला” बता रही हों, लेकिन उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है कि मान्यवर कांशीराम के सपनों को लोकसभा के रास्ते ही अमल में लाया जा सकता है, जहां बसपा का आज एक भी सांसद नहीं है!

TAGGED:BSPkaanshiramLoksabhamayawati
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article मास्टर ब्लास्टर ने रायपुर में मनाई होली, वीडियो में देखें सचिन के मस्ती के रंग
Next Article आयुष्मान भारत योजना : उम्र सीमा 60 साल और इलाज राशि 10 लाख करने का प्रस्ताव

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

Signs of deep issues in economy

The news on alarming fall in net fdi figures for 2024-2025 by almost 96% is…

By Editorial Board

महागठबंधन की जमीन

राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में जब कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार…

By Editorial Board

वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट सदन में पेश, विरोध में पूरा विपक्ष

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "वक्फ बोर्ड पर जेपीसी की रिपोर्ट से कई सदस्य असहमत हैं।…

By The Lens Desk

You Might Also Like

WMO warning
लेंस अभिमत

खतरे की घंटी तो बज चुकी

By Editorial Board

कैसे हो हर-हर गंगे ?

By The Lens Desk
chhattisgarh coal scam
लेंस अभिमत

अफसरों की जमानत पर रिहाई

By Editorial Board
लेंस अभिमत

नेपाली छात्रा की मौत : सुरक्षा और विश्वास बहाल हो

By The Lens Desk

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?