द लेंस। पाकिस्तान की अदियाला जेल में कैद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी बहन उजमा खान की मुलाकात के बाद से पाकिस्तान ए तहरीके इंसाफ (PTI) समर्थकों में गस्सा देखा जा रहा है। यह तब हुआ है जब इमरान खान के जेल में परेशान होने की खबर बहन उजमा के हवाले से बाहर आई है।
रावलपिंडी में मीडिया से बात करते हुए उज्मा ने बताया था कि उनके भाई को जिस जेल में रखा गया है वह पूरी तरह आईएसआई के नियंत्रण में है। इमरान खान का कहना है कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की हुकूमत उन्हें गैरकानूनी ढंग से बंद करके रखना चाहती है और अब उनके पास उन्हें रास्ते से हटाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा।
उन्होंने चेतावनी दी कि उनके खिलाफ सारे मुकदमे कमजोर पड़ रहे हैं इसलिए अब उन्हें सैन्य अदालत में ले जाने की योजना बनाई जा रही है। जेल में उनकी कोठरी बेहद गर्म रहती है जैसे भट्टी हो, बिजली पांच दिन तक बंद रखी गई, कई दिनों तक किसी से मिलने नहीं दिया गया और उन्हें लोहे के पिंजरे में रखा जा रहा है। बच्चों से बात तक करने की इजाजत नहीं है और सुविधाएं मौत की सजा पा चुके कैदियों जैसी दी जा रही हैं।
इमरान खान ने बहन उजमा के हवाले से भेजे संदेश में साफ कहा कि अगर जेल में उनके साथ कुछ हुआ तो इसके लिए आर्मी चीफ आसिम मुनीर और डीजी आईएसआई पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह किसी भी हाल में इस तानाशाही को कबूल नहीं करेंगे और कितना भी वक्त लगे यह जंग जारी रखेंगे। उनका कहना था कि मुल्क में अब कानून नहीं बल्कि सिर्फ आसिम मुनीर का नियम चल रहा है।
दूसरी तरफ खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई ने अपनी राजनीतिक जड़ें इतनी मजबूत कर ली हैं कि वहां के नेता लगातार धरने, अदालती अर्जियां और जनता के बीच संदेशों के जरिए इमरान खान का मामला सुर्खियों में बनाए हुए हैं। इस दबाव की वजह से वफाकी हुकूमत को सुरक्षा और सियासी दोनों मोर्चों पर मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। माहौल ऐसा बन गया है कि वहां की प्रांतीय सरकार को हटाने या सीधे केंद्र से शासन करने जैसे कड़े कदमों पर गंभीरता से विचार हो रहा है।

