[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
287 ड्रोन मार गिराने का रूस का दावा, यूक्रेन कहा- हमने रक्षात्मक कार्रवाई की
छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट के नोटिस के बाद NEET PG मेडिकल काउंसलिंग स्थगित
विवेकानंद विद्यापीठ में मां सारदा देवी जयंती समारोह कल से
मुखर्जी संग जिन्ना की तस्‍वीर पोस्‍ट कर आजाद का BJP-RSS पर हमला
धान खरीदी में अव्यवस्था के खिलाफ बस्तर के आदिवासी किसान सड़क पर
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026: भारत की राष्ट्रीय आय का 58% हिस्सा सबसे अमीर 10% लोगों के पास
लोकसभा में जोरदार हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट, राहुल गांधी ने अमित शाह को दे दी चुनौती
जबलपुर पुलिस ने ‘मुस्कान’ अभियान के तहत 73 लापता बच्चों को बचाया, 53 नाबालिग लड़कियां शामिल
महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में ₹82 लाख के इनाम वाले 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर
HPZ Token Crypto Investment Scam:  दो चीनी नागरिकों सहित 30 के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

धर्मांतरण से अनुसूचित जाति का दर्जा खत्म करने का इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश

आवेश तिवारी
आवेश तिवारी
Published: December 3, 2025 2:44 PM
Last updated: December 3, 2025 2:53 PM
Share
Allahabad High Court
SHARE

नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का हवाला देते हुए चेतावनी दी कि धर्म परिवर्तन के बाद अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त करना संविधान के साथ धोखाधड़ी है।

खबर में खास
हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणीपैसे देकर धर्मांतरणक्या कहा यूपी सरकार ने?खुद को हिंदू बताकर हिंदू का विरोधईसाई धर्म में भेदभाव को मान्यता नहींयूपी सरकार को आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में हिंदू धार्मिक मान्यताओं का अपमान करने और धर्मांतरण का प्रयास करने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया, लेकिन मामले को बंद करने से पहले, अदालत ने एक चौंकाने वाली विसंगति की ओर इशारा किया।

आवेदक पर एक ईसाई पादरी होने का आरोप था, फिर भी अदालत में दिए गए उसके हलफनामे में उसे हिंदू बताया गया था।

हिंदू देवी देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी

आरोपी जितेंद्र साहनी ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक आवेदन दायर कर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295ए के तहत उसके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की। उस पर कथित तौर पर आयोजित प्रार्थना सभाओं में दुश्मनी फैलाने और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।

पैसे देकर धर्मांतरण

दिसंबर 2023 में दर्ज की गई एफआईआर में उन पर ग्रामीणों को आर्थिक लाभ का लालच देकर धर्मांतरण कराने का भी आरोप लगाया गया था। साहनी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए तर्क दिया कि वह पूर्व प्रशासनिक अनुमति से अपनी जमीन पर ईसाई प्रार्थना सभाएँ आयोजित कर रहे थे। उनके वकील ने कहा कि आरोप ‘झूठे और प्रेरित’ थे, और कहा कि जांच के दौरान गवाहों ने अभियोजन पक्ष के बयान का समर्थन नहीं किया था।

क्या कहा यूपी सरकार ने?

राज्य ने एक गवाह के बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि साहनी, जो पहले हिंदू थे, ईसाई पादरी बन गए थे और हिंदू धर्म के बारे में बोलते समय ‘अपमानजनक और अपमानजनक’ भाषा का इस्तेमाल करते थे। गवाह ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने की कोशिश की।

न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की पीठ ने साहनी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय सीआरपीसी की धारा 482 के तहत लघु-परीक्षण नहीं कर सकता। न्यायाधीश ने कहा कि साहनी अपनी सभी आपत्तियाँ, जिनमें धारा 153ए और 295ए के कानूनी तत्वों के अभाव का दावा भी शामिल है, निचली अदालत में अपनी रिहाई की अर्जी में उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।

खुद को हिंदू बताकर हिंदू का विरोध

साहनी के हलफनामे की जांच करते हुए, अदालत ने एक ‘गंभीर विसंगति’ देखी कि साहनी ने कथित तौर पर ईसाई धर्म अपना लिया है और एक पुजारी के रूप में काम करते हैं, लेकिन याचिका के समर्थन में दायर उनके हलफनामे में उन्हें हिंदू बताया गया है। अदालत ने कहा कि इससे जातिगत पहचान, धर्मांतरण और आरक्षण की स्थिति से जुड़ी गहरी कानूनी चिंताएँ पैदा होती हैं।

न्यायमूर्ति गिरि ने अनेक संवैधानिक प्रावधानों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों पर चर्चा करते हुए इस स्थापित कानूनी स्थिति पर जोर दिया कि जो व्यक्ति ईसाई, इस्लाम या किसी अन्य गैर-हिंदू धर्म में धर्मांतरण करता है, वह अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता, क्योंकि संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 के अनुसार अनुसूचित जाति का दर्जा केवल हिंदुओं, सिखों और बौद्धों तक ही सीमित है।

ईसाई धर्म में भेदभाव को मान्यता नहीं

सूसाई, के.पी. मनु और हाल ही में सी. सेल्वरानी (2024) में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए, उच्च न्यायालय ने दोहराया कि धर्म परिवर्तन के बाद अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त करना ‘संविधान के साथ धोखाधड़ी’ है।

न्यायालय ने यह भी कहा कि ईसाई धर्म में जाति-आधारित भेदभाव को मान्यता नहीं दी जाती है, और इसलिए एक बार जब कोई व्यक्ति उस धर्म को अपना लेता है तो अनुसूचित जाति आरक्षण का आधार कायम नहीं रहता है। इसलिए, इसे गंभीरता से लेते हुए, अदालत ने महाराजगंज के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वे तीन महीने के भीतर साहनी की धार्मिक स्थिति की पुष्टि करें और यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने झूठा हलफनामा दायर किया है तो सख्त कार्रवाई करें।

यूपी सरकार को आदेश

न्यायालय ने कैबिनेट सचिव, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और समाज कल्याण तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आरक्षण और धर्मांतरण कानून को “सही मायनों में” लागू किया जाए। इसके अतिरिक्त, राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेटों को भविष्य में ऐसी गलतबयानी रोकने के लिए चार महीने के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

यह भी पढ़ें : ‘संविधान’ पर बहस, RPF स्टाफ ने आरक्षक को मारी गोली

TAGGED:Allahabad High courtLatest_News
Previous Article IPS IPS प्रमोशन को लेकर गंभीर आरोपों की शिकायत राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय तक पहुंची
Next Article बांग्लादेश संकट पर माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में वर्कशॉप, सलमान रावी बताएंगे भारत पर क्या होगा असर
Lens poster

Popular Posts

क्या DG कॉन्फ्रेंस तक मेजबान छत्तीसगढ़ को स्थायी डीजीपी मिल जाएंगे?

रायपुर। क्या छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अगले महीने होने जा रही डीजीपी कॉन्फ्रेंस में…

By दानिश अनवर

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन, शराब दुकान खोलने के विरोध में मनाया साय सरकार का शराब महोत्सव

रायपुर। राजधानी रायपुर में कांग्रेस ने बुधवार को अनोखा प्रदर्शन किया है। सरकार के द्वारा…

By नितिन मिश्रा

बिहार चुनाव में NDA की बंपर जीत, महागठबंधन की करारी हार, दिल्‍ली में बीजेपी कार्यालय में जश्‍न  

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने बंपर प्रदर्शन करते हुए जीत का सेहरा अपने…

By अरुण पांडेय

You Might Also Like

High level Meeting
देश

सीजफायर के बाद पीएम आवास पर हाईलेवल मीटिंग, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और CDS भी मौजूद

By Lens News
Indian diplomacy
देश

चीन में संयुक्त बयान से पहलगाम गायब बलूचिस्तान का जिक्र, राजनाथ सिंह का दस्तखत से इनकार  

By The Lens Desk
Nithari case
देश

निठारी कांड में पलट गया फैसला, सुरेंद्र कोली आखिरी केस में बरी, तुरंत रिहाई के आदेश

By अरुण पांडेय
LWE
देश

7 महीने में नक्सलवाद खत्म करने फाइनल ऑपरेशन के लिए LWE विंग की रायपुर में बैठक शुरू

By दानिश अनवर

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?