नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
केंद्रीय जांच एजेंसी ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें बड़े पैमाने पर कोयला चोरी और अवैध खनन के आरोपी नेटवर्क को निशाना बनाया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कथित कोयला चोरी नेटवर्क को निशाना बनाकर देशव्यापी छापेमारी शुरू की, जिसके तहत झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक स्थानों पर समन्वित तलाशी ली गई।
अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई कोयले के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की चल रही जाँच का एक हिस्सा थी, एक ऐसा रैकेट जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए।
धनबाद में, केंद्रीय जाँच एजेंसी ने कोयला व्यापारी एलबी सिंह पर निशाना साधा और सुबह-सुबह उनके घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी शुरू कर दी। उनसे जुड़े सोलह परिसरों पर छापेमारी की गई, जिनमें देव बिला इलाके की इमारतें भी शामिल थीं।
अधिकारियों को एक असामान्य चुनौती का सामना करना पड़ा जब सिंह ने कथित तौर पर अपने पालतू कुत्तों को आवासीय परिसर में प्रवेश रोकने के लिए छोड़ दिया। जब टीमें घर में प्रवेश सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही थीं, तब तक वह घर के अंदर ही रहे।
झारखंड भर में समानांतर छापेमारी की गई, जहाँ ईडी के रांची क्षेत्रीय कार्यालय ने अनिल गोयल, संजय उद्योग, एलबी सिंह और अमर मंडल से जुड़ी कई जाँचों से जुड़े 18 ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि ये मामले मिलकर बड़े पैमाने पर कोयला चोरी और तस्करी की गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।
जांच एजेंसी द्वारा जिन परिसरों पर छापेमारी की गई उनमें आवासीय संपत्तियां, कार्यालय, कोक संयंत्र और अवैध टोल संग्रह बूथ शामिल थे। अधिकारियों ने इस अभियान को राज्य की सीमाओं के पार सक्रिय कोयला माफियाओं के विरुद् ज्वाइंट ऑपरेशन बताया, जिसका उद्देश्य अवैध संपत्तियों का पता लगाना तथा लम्बे समय से चल रहे खनन और परिवहन रैकेट से जुड़े साक्ष्य जुटाना था।

