[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
जशपुर में एक मिशनरी स्कूल की नाबालिग छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ का आरोप
इथियोपिया का 12 हजार साल पुराना ज्वालामुखी फटा, राख का बादल 4300 किमी दूर दिल्ली तक पहुंचा
चीनियों ने Shanghai Airport पर 18 घंटे तक अरुणाचल प्रदेश महिला को बनाया बंधक
माओवादियों के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस तो समर्थन में उतरे तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष
अवध असम एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रियों की भारी भीड़, एक लड़की का दम घुटा, इमरजेंसी चेन खींचने के बावजूद न डॉक्टर पहुंचे न पुलिस
गजा की 90% से ज्यादा आबादी मदद पर निर्भर, 44 दिनों में करीब 500 बार टूटा सीजफायर
जमीन गाइडलाइन दर का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों से भाजपा नेताओं की धक्का-मुक्की, भाजपा अध्यक्ष का काफिला रोकने पर विवाद
होमवर्क नहीं करने पर नर्सरी के बच्चे को पेड़ से लटकाया, वीडियो वायरल
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

यह सत्ता के अहंकार की भाषा है

Editorial Board
Editorial Board
Published: November 12, 2025 7:49 PM
Last updated: November 12, 2025 7:49 PM
Share
MP CM Mohan Yadav
SHARE

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में भोपाल में सरपंच संयुक्त मोर्चा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पंचायत सचिवों के लिए बेहद आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिसे किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता।

ऐसे शब्दों के इस्तेमाल के बिना भी कठोर शब्दों में कड़े प्रशासनिक निर्देश दिए जा सकते हैं, लेकिन मोहन यादव ने भरे सम्मेलन में लगभग धमकाने वाले अंदाज में कहा, ‘अगर सचिव काम नहीं करेगा… तो हटा देंगे…सा…को। इनकी औकात क्या, दिक्कत आएगी तो ठीक कर देंगे।‘

कहने की जरूरत नहीं कि यह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि की नहीं, बल्कि सत्ता के अहंकार की भाषा है। हमारे संविधान और लोकतंत्र ने सबको बराबरी का हक दिया है और जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से तो और अधिक संवेदनशील होने की अपेक्षा की जाती है।

हालांकि यह भी सच है कि इस तरह की भाषा और धमकाने वाला अंदाज दिखाने वाले मोहन यादव कोई पहले मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं हैं। जबकि किसी भी सरकार के सुचारू रूप से काम करने में नौकरशाही, जिसमें हर तरह के कर्मचारी शामिल हैं, और चुने हुए प्रतिनिधियों तथा मंत्रियों की अहम भी भूमिका होती है।

फिर यह नहीं भूलना चाहिए कि राजनीतिक दलों को सत्ता तक पहुंचाने में सरकारी कर्मचारियों की भी अहम भूमिका होती है। मोहन यादव जिस मध्य प्रदेश के मुखिया हैं, वहां का तो सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी से सत्ता बदल जाने का इतिहास भी है।

दरअसल यह दिखा रहा है कि कैसे चुनी हुई सरकारें आम जनता और सरकारी कर्मचारियों के साथ माई-बाप जैसा व्यवहार करने लगी हैं। इसी का नतीजा है कि एक मुख्यमंत्री अपने मातहत काम करने वाले सचिवों को औकात बताने की बात करते हैं।

शायद मोहन यादव भूल गए कि लोकतंत्र में सरकारों को जनता ‘औकात’ बताती है। हमारी लोकतंत्रिक व्यवस्था ने अपराजेय समझी जाने वाली शक्तियों को भी सत्ता से बेदखल किया है।

TAGGED:EditorialMP CM Mohan Yadav
Previous Article Chhattisgarh Health System कैंसर पीड़ित पत्नी को बाइक पर लिटाकर भटक रहा था किसान, वीडियो वायरल होने पर जागा प्रशासन, रायपुर किया रिफर
Next Article Delhi Blast दिल्ली ब्लास्ट के 50 घंटे बाद सरकार ने माना आतंकी हमला
Lens poster

Popular Posts

अग्रसेन महाराज पर विवादित टिप्पणी के बाद छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के अध्यक्ष के खिलाफ FIR

रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के अध्यक्ष अमित बघेल की मुश्किलें बढ़…

By दानिश अनवर

मेडिकल कॉलेज घूस कांड : रावतपुरा सरकार के साथ 50 लाख की डील कराने वाले एक और स्वामी का भी नाम चार्जशीट में

रायपुर। निजी मेडिकल कॉलेजों को घूस लेकर फर्जी तरीके से मान्यता देने के मामले में…

By दानिश अनवर

10 नगर निगमों सहित 173 निकायों में 72.19 फीसदी वोटिंग, पिछली बार से ज्यादा, कस्बों से पिछड़े शहरी वोटर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए 11 फरवरी को वोटिंग हुई। इनमें औसतन…

By The Lens Desk

You Might Also Like

Manipur
English

Manipur: estranged courtiers of the army

By Editorial Board
Tablighi Jamat
English

Milking a pandemic

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

होली के बहाने

By The Lens Desk
Mohan Bhagwat
लेंस संपादकीय

संघ प्रमुख की इस मासूमियत का क्या करें

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?