रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के नगवाही गांव से एक ऐसी मार्मिक तस्वीर सामने आई है, जो व्यवस्था की सच्चाई और आमजन की विवशता दोनों को बयां करती है।
यह कहानी है किसान समलू सिंह मरकाम की, जो पिछले तीन सालों से अपनी कैंसर-पीड़ित पत्नी को लकड़ी की पटिया पर लिटाकर मोटरसाइकिल से अस्पताल तक ले जाने को मजबूर हैं।
पत्नी कपूरा मरकाम को थायराइड कैंसर है। बीमारी इतनी बढ़ चुकी है कि अब वह चल नहीं सकती। समलू सिंह ने बाइक के पीछे लकड़ी की पटिया बांध रखी है, जिस पर कपड़ा बिछाकर पत्नी को लेटाते हैं और अस्पताल तक लेकर जाते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समलू के बुलाने पर एम्बुलेंस कभी नहीं आती, सरकारी गाड़ी नहीं मिलती। जब दर्द बढ़ता है, तो बाइक पर लादकर ही वे अस्पताल भागते हैं।
पत्नी के इलाज में दर दर भटकने के बाद जब बाइक में ले जाने की मार्मिक तस्वीर वायरल हुई तो प्रशासन जागा और फौरन मरीज को रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां कैंसर वार्ड में मरीज का इलाज शुरू हो चुका है।
इससे पहले बीमारी का पता चलने के बाद से तीन सालों में अब तक समलू रायपुर, दुर्ग, गोंदिया, बैतूल और यहां तक कि मुंबई तक इलाज के लिए गए। इलाज में अब तक 5 से 7 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। समलू ने पहले जेवर बेचे, फिर खेत, फिर बैल। अब सब खत्म हो गया।
रिश्तेदारों से जो उधार लिया था, वह चुका नहीं पाया, इसलिए अब कर्जदार भी बन गया है। कर्जदार होने की वजह से अब कोई पैसे देने को तैयार भी नहीं होता है।
अक्टूबर 2025 में जब कपूरा की हालत ज्यादा बिगड़ी, तो परिवार ने उन्हें कवर्धा जिला अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल ने उन्हें मेकाहारा रायपुर रेफर किया, लेकिन आर्थिक कारणों से परिवार वहां नहीं जा सका। कुछ दिन बाद जिला अस्पताल की एम्बुलेंस मरीज को घर छोड़कर चली गई।
समलू सिंह ने राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा से मदद मांगी थी। विजय शर्मा ने तत्काल 10,000 की आर्थिक सहायता दी, जिससे कुछ दिनों के लिए इलाज फिर शुरू हुआ। लेकिन अब खर्च लाखों में पहुंच गया है और इलाज रुक गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मरकाम परिवार आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी न होने के कारण लाभ नहीं उठा पाया। गांव में स्वास्थ्य केंद्र 10 किमी दूर है और एम्बुलेंस सेवाएं भी अक्सर उपलब्ध नहीं होतीं।
मरीज को बाइक में ले जाते हुए दृश्य का वीडियो वायरल होने के बाद कवर्धा जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने संज्ञान लिया है। जिला प्रशासन समलू सिंह और उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री गंभीर बीमार सहायता योजना के तहत मदद दिलाने की प्रक्रिया शुरू की और रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में कैंसर वार्ड में मरीज को भर्ती कराया गया है, जहां ईलाज भी शुरू हो चुका है।
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