लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म शताब्दी (Sardar Patel’s 150th birth anniversary) के इस खास मौके पर पूरे भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है। सरदार पटेल की दूरदृष्टि और अटूट इच्छाशक्ति ने आजादी के बाद 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को मजबूत राष्ट्र बनाया। आज के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी, जबकि देश के कोने-कोने में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर कार्यक्रम हो रहे हैं।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर धूमधाम से एकता परेड
गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने एक शानदार परेड का आयोजन किया गया, जो गणतंत्र दिवस की परेड की याद दिलाने वाला था। प्रधानमंत्री मोदी इस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसमें 16 राज्यों की पुलिस इकाइयों और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने कदमताल किया। इनकी सजी हुई वर्दी, अनुशासन और साहस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
परेड के दौरान विभिन्न राज्यों की झांकियां निकलीं, जो भारत की विविध संस्कृतियों, परंपराओं और एकता का जीवंत चित्रण कर रही थीं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, संगीत और लोककथाओं के माध्यम से सरदार पटेल के योगदान को याद किया गया। यह परेड हर साल 31 अक्टूबर को आयोजित होती है, लेकिन इस बार 150वीं जयंती के चलते इसे और भव्य बनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी का भावुक संदेश
पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सरदार पटेल भारत के एकीकरण के सूत्रधार थे। उनकी यह विरासत हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और अखंड भारत की ओर ले जाती है। हम उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” यह संदेश लाखों लोगों तक पहुंचा और एकता की भावना को मजबूत किया।
2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस साल की थीम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पर जोर देते हुए देशभर में रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
अन्य जगहों पर उत्साह
दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाई। हजारों लोग दौड़ में शामिल हुए, जो सरदार पटेल के साहस को समर्पित थी। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “सरदार पटेल का साहस और राष्ट्रभक्ति आज भी हमें प्रेरित करती है। उनके कारण ही भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र बन सका।”
विदेशों में भी भारतीय समुदाय सक्रिय रहा। अमेरिका के शिकागो में एक रैली आयोजित हुई, जहां प्रवासियों ने सरदार पटेल को याद किया। इसके अलावा, 1 से 15 नवंबर तक ‘भारत पर्व 2025’ का आयोजन होगा, जिसमें सांस्कृतिक प्रदर्शनियां और परेड शामिल होंगी।
सरदार पटेल ‘एकता के प्रतीक’
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। वकील से लेकर स्वतंत्रता सेनानी बने पटेल ने महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आजादी के बाद उन्होंने रियासतों को मुख्यधारा से जोड़ने का चमत्कार किया, जिसे ‘ऑपरेशन पोलो’ जैसे अभियानों से जाना जाता है। उनकी मृत्यु 1950 में हुई, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इन्हीं को समर्पित है।यह जयंती हमें याद दिलाती है कि विविधता में एकता ही भारत की ताकत है। देशभर के कार्यक्रम सरदार पटेल के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बन रहे हैं।
 
					

 
                                
                              
								 
		 
		 
		