पटना। बिहार एनडीए में सब ठीक चल रहा है। यह संदेश देने के लिए सीएम नीतीश कुमार छठ पर्व के दूसरे दिन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान से मिलने उनके घर पहुंचे।
इससे पहले 24 अक्टूबर को समस्तीपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में चिराग पासवान को मंच से भाषण देने से रोककर नितीश को बोलने के लिए बुला लिया गया था। जिससे के बाद से यह चर्चाएं गर्म थीं कि एनडीए ने कुछ टेंशन तो है।
जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार छठ पर्व के दूसरे दिन चिराग पासवान के घर पहुंचे और वहां खरना का प्रसाद लिया। जैसे ही मुख्यमंत्री उनके आवास पर पहुंचे, चिराग ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद दोनों नेताओं ने परिवार के साथ समय बिताया।
चिराग ने इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “मुख्यमंत्री जी का आभार, जो आज मेरे घर आए और खरना का प्रसाद लिया। परिवार से मिलकर छठ की बधाई देने के लिए धन्यवाद।”
यह मुलाकात इसलिए अहम है, क्योंकि बीते कुछ सालों में दोनों नेताओं के बीच तनाव की खबरें सामने आती रही थीं। चिराग ने कई बार राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे, जिससे रिश्तों में खटास देखी गई थी।
मुलाकात के बाद चिराग ने कहा, “आज मेरे लिए यादगार दिन है। मुख्यमंत्री जी ने मेरे घर आकर आशीर्वाद दिया। कुछ लोग गलत अफवाहें फैलाने में जुटे थे, लेकिन हमारे रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं।” साथ ही, पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले चिराग के इस बयान ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए एकजुट है और 2025 के चुनाव में पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरेगा।
गौरतलब है कि 2020 चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर अपनी मर्जी से चुनाव लड़ रहे थे। इस बार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत उनकी पार्टी को 29 सीटें मिली हैं,
सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान ने कहा था कि वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास नाखुशी का कोई कारण नहीं है। अगर मैं खुश न हुआ तो यह कृतघ्नता होगी। मेरी पार्टी, जिसके पास एक भी विधायक नहीं था, उसे प्रधानमंत्री ने इतना भरोसा दिखाया और 29 सीटें दीं, ठीक वैसे ही जैसे लोकसभा चुनाव में हमें पांच सीटें मिली थीं।”
जब सब कुछ ठीक चल रहा है, तो नीतीश कुमार को आशंका क्यों है? इस बार चिराग पासवान का रुख वैसा नहीं है जैसा पिछले चुनाव में था, जब उन्होंने जेडीयू के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे थे। नीतीश कुमार को इस बार गठबंधन में बीजेपी के बराबर 101 सीटें मिली हैं। यह संख्या पहले की तुलना में थोड़ी कम जरूर है।

