नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
यूट्यूबर अजीत भारती ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पंजाब पुलिस ने मुख्य न्यायाधीश गवई के बारे में सोशल मीडिया पर की गई “जातिवादी” और “भड़काऊ” टिप्पणियों के लिए अजीत सहित अन्य के खिलाफ एक दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं।
पंजाब पुलिस ने अदालती कार्यवाही के दौरान एक वकील द्वारा मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की घटना के बाद, सोशल मीडिया पर मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आपत्तिजनक और जातिवादी टिप्पणी पोस्ट करने के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कीं ।
पंजाब पुलिस के अनुसार, राज्य के कई जिलों में 100 से अधिक सोशल मीडिया हैंडलों के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुईं, जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ जातिवादी और घृणित सामग्री पोस्ट की थी। न्यायमूर्ति सुभाष मेहला ने आज मामले की सुनवाई के बाद इसे 3 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया।
भारती ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है या ऐसा कुछ भी नहीं कहा है जिसका कोई आपराधिक निहितार्थ हो, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 का उल्लंघन तो बिल्कुल नहीं, जैसा कि कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है।
यह प्रस्तुत किया गया है कि उनके विचार हमेशा सार्वजनिक महत्व के मामले पर पत्रकारिता की राय के स्वरूप में रहे हैं और वे उन अपराधों के वैधानिक तत्वों को संतुष्ट नहीं करते हैं, जिनके बारे में अब मीडिया के माध्यम से कथित तौर पर आरोप लगाया जा रहा है। उनकी याचिका में कहा गया है, ” याचिकाकर्ता न्यायपालिका के प्रति अत्यधिक सम्मान रखते हैं और उनके बयान/टिप्पणियां प्रणाली के कामकाज में सुधार लाने के उद्देश्य से हैं।

