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देश

पूर्व की कांग्रेस सरकार ने अर्बन नक्सलिज्म को नजरअंदाज किया : पीएम मोदी

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: October 18, 2025 4:11 PM
Last updated: October 18, 2025 5:13 PM
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नई दिल्ली। “ग्यारह साल पहले देश के करीब 125 जिले माओवादी आतंक से प्रभावित थे। आज यह संख्या घटकर सिर्फ 11 रह गई है, जिनमें से केवल तीन जिले गंभीर रूप से प्रभावित हैं।” यह बात कही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, जब वह शुक्रवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट को संबोधित कर रहे थे।

पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली में और छत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर में 250 से अधिक नक्‍सलियों ने मुख्‍यमंत्रियों के सामने आत्‍मसमर्पण किया है। इससे पहले नक्‍सलियों के खिलाफ बस्‍तर में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें बसव राजू और कथा रामचंद्र रेड्डी जैसे बड़े बड़े माओवादी नेताओं को मारा गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह गारंटी देते हैं कि जल्द ही देश माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर “अर्बन नक्‍सलिज्‍म” को बढ़ावा देने और उनके द्वारा की गई हिंसा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग, जो संविधान को माथे पर रखते हैं, आज भी माओवादी आतंकवादियों को बचाने के लिए दिन-रात काम करते हैं, जो संविधान में विश्वास नहीं करते।

पीएम ने माओवादी आतंक के खिलाफ हाल की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पिछले 75 घंटों में 303 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और अब देश के केवल तीन जिले ही वामपंथी उग्रवाद की गंभीर चपेट में हैं।

मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में हजारों नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है। ये लोग अब विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं और खुलकर स्वीकार कर रहे हैं कि वे गलत रास्ते पर थे। उन्होंने कहा, “अब ये लोग भारत के संविधान पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।”

मोदी ने कहा कि पिछले 50-55 वर्षों में माओवादी आतंकवादियों ने हजारों लोगों की जान ली। वे स्कूल, अस्पताल या क्लिनिक नहीं बनने देते थे और संस्थानों पर बमबारी करते थे। उन्होंने कहा, “माओवादी आतंकवाद ने युवाओं के साथ अन्याय किया। मुझे इस बात का दुख था, और मैं पहली बार दुनिया के सामने अपना दर्द व्यक्त कर रहा हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद भटके हुए युवाओं को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम किया। उन्होंने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब भारत पूरी तरह नक्सलवाद और माओवादी हिंसा से मुक्त होगा, यह भी मोदी की गारंटी है।”

उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र इस बार 60-70 साल बाद पहली बार दीवाली मनाएंगे। मोदी ने कांग्रेस शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौरान “शहरी नक्सलियों” का इतना दबदबा था कि माओवादी घटनाओं की जानकारी लोगों तक नहीं पहुंचती थी, क्योंकि उन पर सख्त सेंसरशिप थी।

उन्होंने कहा, “इसलिए मेरी सरकार ने इन भटके हुए युवाओं तक पहुंचने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष प्रयास किए। आज देश इन प्रयासों का नतीजा देख रहा है। पहले बस्तर में वाहनों के उड़ाए जाने और सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की खबरें सुर्खियां बनती थीं। आज वहां के युवा ‘बस्तर ओलंपिक’ आयोजित कर रहे हैं। यह एक बड़ा बदलाव है।”

इस कार्यक्रम में श्रीलंका के प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट भी शामिल थे।

TAGGED:Congress governmentNDTV World SummitPM ModiTop_Newsurban Naxalism
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