भोपाल/जयपुर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो पत्रकारों को राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म ‘द सूत्र’ पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के खिलाफ गलत और आधारहीन खबरें फैलाईं। इसके अलावा, उन पर कथित रूप से ब्लैकमेलिंग का भी इल्जाम है।
इस कार्रवाई के बाद द सूत्र की ओर से कहा गया, “न कोई आरोप, न FIR, इसके बावजूद राजस्थान पुलिस ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर द सूत्र के एडिटर इन चीफ आनंद पांडे और मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर को हिरासत में ले लिया। ”
जयपुर पुलिस ने क्या बताया
जयपुर पुलिस की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 28 सितंबर को शिकायतकर्ता नरेंद्र सिंह राठौरने करणी विहार थाने में शिकायत दर्ज की, जिसमें कहा गया कि ‘द सूत्र’ नामक वेब पोर्टल ने पिछले एक महीने में उपमुख्यमंत्री के खिलाफ कई बेबुनियाद और झूठी खबरें प्रकाशित कीं।
शिकायत के अनुसार, आनंद पांडेय और हरिश दिवेकर ने इन खबरों को हटाने और भविष्य में ऐसी खबरें न छापने के लिए करोड़ों रुपये की मांग की। उन्होंने धमकी दी कि यदि राशि नहीं दी गई, तो वे उपमुख्यमंत्री की छवि को पूरी तरह बर्बाद कर देंगे। इन खबरों को ‘द सूत्र’ के अलावा ‘द केपिटल’ नामक वेब पोर्टल पर भी प्रसारित किया गया।
पुलिस की जांच में सामने आया कि खबरें तथ्यहीन थीं। दोनों पत्रकारों ने खबरें हटाने के लिए 5 करोड़ रुपये की अवैध मांग की और राशि न मिलने पर ‘डिस्ट्रॉय दीया’ नाम से अभियान चलाने की धमकी दी। इसके बाद पुलिस ने भोपाल पहुंचकर दोनों को हिरासत में लिया और जयपुर ले गई, ताकि ‘द सूत्र’ के अन्य लोगों से पूछताछ की जा सके। इस मामले में अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका की जांच जारी है।
पुलिस की एफआईआर में जिनेश जैन का भी नाम है, जिसके पास राजस्थान में द सूत्र की कमान है। जैन पर आरोप है कि यह पांडेय और दिवेकर के कहने पर झूठी और भ्रामक खबरें चला रहे थे।
ब्लैकमेलिंग की रिकॉर्डिंग
जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि साइबर थाने में दर्ज शिकायत के साथ ब्लैकमेलिंग और प्रताड़ना की रिकॉर्डिंग भी दी गई थी। इसी आधार पर पांडेय और दिवेकर को हिरासत में लिया गया। उनके सहयोगियों की भूमिका की भी जांच हो रही है।
राजस्थान के सीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की निंदा
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल को पत्र लिखकर इस गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं दी गई और संभवतः यह कार्रवाई उपमुख्यमंत्री के खिलाफ खबरें छापने के कारण की गई। ठाकुर ने इसे सरकारी दमन और शर्मनाक बताया। उन्होंने मांग की कि गिरफ्तारी के कारणों को सार्वजनिक किया जाए और यदि यह केवल विरोध के कारण हुई है, तो पत्रकारों को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है, जो सच को सामने लाती है और जनता के अधिकारों की रक्षा करती है।
द सूत्र का पक्ष

इस कार्रवाई के बाद द सूत्र ने अपनी वेबसाइट पर 17 अकटूबर को रात 11 बजकर 27 मिनट पर बयान जारी किया है जिसे हम हूबहू यहां दे रहे हैं….
दीपावली के त्योहार के ठीक एक दिन पहले राजस्थान सरकार की कायरना हरकत के कारण पूरे देश का मीडिया हैरान है। न कोई आरोप, न FIR, इसके बावजूद राजस्थान पुलिस ने नियम – कायदों को ताक पर रखकर द सूत्र के एडिटर इन चीफ आनंद पांडे और मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर को हिरासत में ले लिया।
पूरे देश का मीडिया दोनों वरिष्ठ पत्रकारों की खैर-खबर लेने के लिए दिनभर बैचेन रहा। हजारों की संख्या में पत्रकारों ने thesootr के ऑफिस फोन लगाकर सच्चाई को जानना चाहा और चिंता जताई। thesootr आप सभी शुभचिंतकों का आभारी है। हमें पूरा भरोसा है कि अभिव्यक्ति की आजादी के लिए आपका साथ आगे भी मिलता रहेगा।
चार साल पहले जब thesootr की शुरुआत हुई, तब एक ही लक्ष्य था- रीडर फर्स्ट, तभी तो thesootr ने अपनी टैग लाइन रखी थी- “हम सिर्फ भगवान से डरते हैं”
पाठकों के भरोसे द सूत्र ने हमेशा उत्कृष्ट स्तर की पत्रकारिता की है। हमने हमेशा सवाल उठाए हैं, पालकी नहीं। मगर सरकारों को चाटुकारिता पसंद आती है, सवाल नहीं… अपने पाठकों, आम आदमी की आवाज बने मीडिया हाउस, स्वतंत्र पत्रकारों और शुभचिंतकों से मिले हौसलों के सहारे thesootr आगे भी अपनी आवाज को इसी बुलंदी के साथ उठाता रहेगा।
हमारे एडिटर इन चीफ आनंद पांडे और मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर को हिरासत में किस आरोप में लिया गया, इसका जवाब उतना ही हमें पता है, जितना कि आपको। हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि जैसे ही कोई अपडेट मिलेगा, आपसे जरूर साझा करेंगे। बस ! आपका साथ चाहिए।

