Bhopal Engineer Police Assault: 22 साल के उदित गायके, एक इंजीनियरिंग छात्र और बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में नौकरी पाने वाला युवा अब इस दुनिया में नहीं रहा। उनके पिता राजकुमार गायके मध्य प्रदेश बिजली बोर्ड में इंजीनियर हैं, उन्हें अपनी और अपने बेटे की आखिरी बातचीत हमेशा याद रहेगी। गुरुवार की शाम को जब राजकुमार ने उदित से पूछा कि वह कहां जा रहा है तो उदित ने जवाब दिया, ‘कॉलेज का कुछ काम है।’ पिता ने कहा, ‘ठीक है, जल्दी आना।’ लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह उनकी आखिरी बातचीत होगी।
उस रात उदित अपने दोस्तों के साथ बेंगलुरु की नौकरी का जश्न मना रहा था। लेकिन कुछ घंटों बाद एक फोन कॉल ने परिवार को हिलाकर रख दिया। उदित के एक दोस्त ने बेंगलुरु से फोन करके कहा ‘अंकल, जल्दी एम्स (भोपाल) पहुंचें।’ वहां पहुंचने पर राजकुमार ने अपने बेटे का शव देखा, जिसके सिर, कंधे, पीठ, आंख और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटों के निशान थे। राजकुमार का कहना है, ‘उसे जानवरों की तरह मारा गया।’
सीसीटीवी ने खोला क्रूरता का राज
पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में उस रात की खतरनाक घटना कैद हुई। फुटेज में उदित अपने दोस्तों के साथ भोपाल के पिपलानी इलाके में नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद एक पुलिसकर्मी उन्हें एक तंग गली में दौड़ाते हुए नजर आता है, जहां उसे लकड़ी के डंडे से बेरहमी से पीटा गया। इस सबूत के आधार पर भोपाल पुलिस ने शनिवार को अपने ही दो कांस्टेबल, संतोष बामनिया और सौरभ आर्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। रविवार को दोनों को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उदित का सपना और परिवार की उम्मीदें
उदित वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT), भोपाल में कंप्यूटर साइंस और साइबर सिक्योरिटी के बीटेक छात्र थे। उनके परिवार में उनके पिता और तीन चाचा इंजीनियर हैं जबकि मां और चाची सरकारी स्कूलों में शिक्षिका हैं। उदित की दो बड़ी बहनें भी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और उनकी शादी हो चुकी है। परिवार का कहना है कि उनकी परवरिश ऐसी थी कि वे कभी किसी से उलझते नहीं थे। उदित के चाचा केके गायके कहते हैं, ‘हमारी संस्कृति है कि हम सिर झुकाकर मेहनत करते हैं और मुसीबतों से दूर रहते हैं। फिर पुलिस ने हमारे बेटे के साथ ऐसा क्यों किया?’
उदित के पिता राजकुमार ने मीडिया से कहा “हमारा परिवार खुशहाल था। हम दीवाली साथ मनाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन अब मेरी पत्नी सदमे में है, मेरी बेटियां गम में डूबी हैं। मुझे समझ नहीं आता कि पुलिस ने मेरे बेटे को इतनी बेरहमी से क्यों मारा, जैसे वह कोई खूंखार अपराधी हो।’
क्या हुआ उस रात ?
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक गुरुवार की रात करीब 1:30 बजे कांस्टेबल बामनिया और आर्य ने उदित और उसके दोस्तों को रोका। दोस्त आदित्य के मुताबिक, उदित अपने दोस्तों के साथ रात 1 बजे तक था। इसके बाद वह भयावह घटना हुई। राजकुमार कहते हैं, ‘सीसीटीवी फुटेज देखकर हम सन्न रह गए। उसे इतनी बेरहमी से पीटा गया। वह तो बच्चा था। पुलिस को अगर कुछ करना ही था, तो एक बार मारकर छोड़ देते।’
उदित की मौत ने पूरे परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है। भोपाल पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन परिवार का सवाल है कि आखिर उदित को इतनी बर्बरता का शिकार क्यों बनाया गया?

