लेंस डेस्क। केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने के गबन के मामले में केरल उच्च न्यायालय ने विशेष जांच दल (SIT) को जांच का निर्देश दिया है। साथ ही, त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष पीएस प्रशांत ने शनिवार को बताया कि इस मामले में नौ अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
टीडीबी अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरिपद के उप देवस्वम आयुक्त बी मुरारी बाबू, जो पहले सबरीमाला में प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं, के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया, “हमारी सतर्कता इकाई ने नौ अधिकारियों की गलतियों को चिह्नित किया है। बाबू के खिलाफ कदम उठाया जा चुका है, और बाकी अधिकारियों के खिलाफ फैसला 14 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा।”
इस मामले का सवाल यह है कि क्या जांच से यह पता चल पाएगा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या द्वारा 1998 में मंदिर के गर्भगृह और लकड़ी की नक्काशी के लिए दान किए गए 30.3 किलो सोने और 1,900 किलो तांबे का क्या हुआ। जांच में सामने आया कि सोने की परत का वजन काफी कम हो गया था।
प्रशांत ने बताया कि सतर्कता शाखा ने नौ अधिकारियों की गलतियों की पहचान की है, जिनमें से बाबू के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। शेष अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की रूपरेखा बोर्ड की आगामी बैठक में बनेगी।
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना है, उनमें टीडीबी सचिव जयश्री, कार्यकारी अधिकारी सुधीश, प्रशासनिक अधिकारी श्रीकुमार और पूर्व थिरुवभारणम आयुक्त केएस बैजू शामिल हैं। प्रशांत ने कहा कि बैजू के बाद आए अधिकारी को सोने के वजन में कमी की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसकी सूचना नहीं दी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान बोर्ड का इस मामले से कोई संबंध नहीं है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने इस घोटाले को “खुलेआम लूट” बताया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने केरल सरकार और टीडीबी पर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की। वहीं, मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।