[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तालिबान की प्रेस कॉन्‍फेंस से भारत सरकार ने झाड़ा पल्‍ला, महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर मचा हंगामा
68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी मामले में अनिल अंबानी के सहयोगी पर शिकंजा
टीवी डिबेट के दौरान वाल्मीकि पर टिप्पणी को लेकर पत्रकार अंजना ओम कश्यप और अरुण पुरी पर मुकदमा
बिहार चुनाव में नामांकन शुरू लेकिन महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर घमासान जारी
क्या है ननकी राम कंवर का नया सनसनी खेज आरोप?
EOW अफसरों पर धारा-164 के नाम पर कूटरचना का आरोप, कोर्ट ने एजेंसी चीफ सहित 3 को जारी किया नोटिस
रायपुर रेलवे स्टेशन पर लाइसेंसी कुलियों का धरना खत्म, DRM ने मानी मांगे, बैटरी कार में नहीं ढोया जाएगा लगेज
तालिबान के दबाव में विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन
छत्तीसगढ़ संवाद के दफ्तर में झूमाझटकी, मामला पुलिस तक
काबुल में पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से क्‍यों चौकन्‍ना हुआ चीन, जारी की सुरक्षा चेतावनी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

बसपा सुप्रीमो मायावती की राह

Editorial Board
Last updated: October 9, 2025 9:33 pm
Editorial Board
Share
Mayawati Lucknow rally
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

बहुजन विचारक कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर लखनऊ में हुई रैली के जरिये बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिस तरह से अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की कोशिश की है, उसमें छिपे संदेशों का साफ पढ़ा जा सकता है। अव्वल तो यही गौर करने वाली बात है कि मायावती ने 2021 की अपनी पिछली रैली के चार साल बाद इस तरह की रैली की है।

दरअसल बीते एक दशक में बसपा का जो क्षरण शुरू हुआ, उसका नतीजा यह है कि बसपा जहां 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राज्य की 403 में से केवल एक सीट जीत सकी थी, वहीं लोकसभा और राज्यसभा में उसके एक भी सदस्य नहीं हैं! यह उस पार्टी का हाल है, जिसकी सुप्रीमो को कभी प्रधानमंत्री पद की दावेदार की तरह भी देखा जा रहा था।

खुद मायावती ने याद किया है कि 2007 में बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, और तब उसके पास राज्य के 30 फीसदी से अधिक वोट थे, जो आज घटकर 12 फीसदी के करीब रह गए हैं। देश के सबसे बड़े सूबे की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती के नेतृत्व में आज बसपा एक-एक सीट के लिए भी संघर्ष करती दिख रही है, तो यह उन्हें सोचने की जरूरत है कि उनकी पार्टी की यह दशा कैसे हो गई?

आखिर क्यों उनका जनाधार कमजोर होता गया और उनकी बहुचर्चित सोशल इंजीनियरिंग कैसे नाकाम हो गई? मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी ने जब-जब गठबंधन किया उसकी हालत कमजोर होती गई है, इसलिए 2027 के विधानसभा चुनाव में वह अपने दम पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

क्या यह सही नहीं है कि मायावती ने बसपा के भीतर दूसरी लाइन बनने ही नहीं दी, जिसकी वजह से उनके करीबी रहे अनेक लोग या तो सपा के साथ चले गए या भाजपा के। और लखनऊ की इस रैली में भी मायावती ने जिस तरह से अपने भतीजे आनंद को आगे किया है, उससे भी साफ है कि पार्टी में नेतृत्व का कितना अभाव है।

यही नहीं, उन्होंने गुरुवार को लखनऊ में कांशीराम स्मारक के रैली स्थल की मरम्मत करवाने के बहाने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ की है और कांग्रेस तथा सपा पर तीखे हमले किए हैं, उसके अपने राजनीतिक निहितार्थ हैं।

दरअसल बसपा का क्षरण उसकी अपनी विचारधारा से भटकने और उसकी नेता के विचलन का नतीजा भी है। यह उस पार्टी का हाल है, जिसे कांशीराम ने अपनी वैचारिक ऊर्जा और प्रतिबद्धता से खड़ा किया था।

मायावती की चुनौती पहाड़ जैसी है, जहां उन्हें लगभग शून्य से शुरूआत करनी है। सवाल यही है कि क्या वह जमीनी स्तर पर दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए उसी तरह की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं, जिसके दम पर बसपा को कांशीराम ने एक बड़ी ताकत बना दिया था।

TAGGED:BSPmayawatiMayawati Lucknow rally
Previous Article Probation of doctors हेल्थ डायरेक्टरेट की यह लिस्ट क्या किसी खास डॉक्टर के लिए निकली है ?
Next Article GST 2.0 नारायणा अस्पताल में पुरानी GST दरों पर ही बेची जा रहीं दवाइयां
Lens poster

Popular Posts

दुर्ग में होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के निवास पर ईडी की रेड

दुर्ग | छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के दीपक नगर में होटल कारोबारी और रेलवे केटरिंग…

By पूनम ऋतु सेन

आंसुओं से उम्मीद तक, भूकंप ने छीना सबकुछ, फिर भी जिंदा है हौसला

द लेंस डेस्क। 28 मार्च 2025 की सुबह म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप…

By पूनम ऋतु सेन

अभी करना होगा 8 वें वेतन आयोग की सिफारिश का इंतजार

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली करीब 35 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67 लाख से ज़्यादा पेंशनभोगियों…

By Lens News

You Might Also Like

CM HEMANT BISWA SHARMA
लेंस संपादकीय

मनमाना कदम

By Editorial Board
Patharra Ethanol Plant Protest
लेंस संपादकीय

नई इबारत लिखती दादियां

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

सामूहिक चेतना पर दाग

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

विज्ञान बनाम अवैज्ञानिकता

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?