रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग (Chhattisgarh Rajya Mahila Aayog) की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने गुरुवार को रायपुर में महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान पुलिस पर गंभीर टिप्पणी की है। आयोग ने रायपुर के कुकुरबेड़ा (सरस्वती नगर) क्षेत्र में 11 महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटना की शिकायत पर सुनवाई की।
इस दौरान आयोग ने पाया कि सरस्वती नगर थाना पुलिस ने पीड़ित महिलाओं की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और उनकी FIR दर्ज करने में 10 दिन की देरी की। इसके उलट बजरंग दल से जुड़े आरोपियों की शिकायत को उसी दिन दर्ज कर लिया गया। आयोग ने इस मामले में रायपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।
डॉ. नायक ने सवाल उठाया कि क्या छत्तीसगढ़ में पुलिस थाने अब बजरंग दल के इशारे पर काम कर रहे हैं? पीड़ित महिलाओं ने बताया कि पुलिस ने उन्हें घटनास्थल से गांव ले जाकर पुलिस लाइन ग्राउंड में घुमाया और उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के सदस्यों ने उनके साथ छेड़छाड़, गाली-गलौच और रेप की धमकी दी, लेकिन पुलिस ने आरोपियों को संरक्षण देने का काम किया।
सिंगापुर सोसायटी मामला: विधवा महिला के साथ अभद्र व्यवहार
सुनवाई के दौरान एक अन्य मामले में सिंगापुर सोसायटी की एक विधवा महिला ने शिकायत की कि समाज के कुछ लोगों द्वारा उसे मंदिर जैसे सार्वजनिक स्थल पर गाली-गलौच और चरित्र पर लांछन का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने उनके खिलाफ अभद्र मैसेज भी भेजे। सुनवाई के दौरान आरोपी ने आयोग के समक्ष माफी मांगी और भविष्य में ऐसा व्यवहार न करने का वादा किया। आयोग ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी हरकत दोहराई गई, तो पीड़िता साक्ष्यों के आधार पर FIR दर्ज करा सकती है। इसके साथ ही इस मामले को नस्तीबद्ध कर दिया गया।
पति-पत्नी विवाद में सुलह का प्रयास
एक अन्य मामले में पति-पत्नी के बीच विवाद की सुनवाई हुई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि उनके पति का अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध है और दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोई संभावना नहीं है। आयोग की मध्यस्थता के बाद पति ने अपनी पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण के लिए एक एकड़ जमीन उनके नाम करने और फसल की आय से 50,000 रुपये देने पर सहमति जताई।
आयोग की कार्रवाई
आज की सुनवाई में कुल 11 मामले प्रस्तुत किए गए, जिनमें पीड़ित महिलाएं आयोग के समक्ष उपस्थित हुईं। यह रायपुर जिले में 168वीं और प्रदेश स्तर पर 349वीं जनसुनवाई थी। डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि आयोग महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के प्रति गंभीर है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
कुकुरबेड़ा मामले में पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवालों ने छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर बहस छेड़ दी है। आयोग ने रायपुर एसपी को इस मामले की जांच करने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।