नई दिल्ली – हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार, जिन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली, ने अपने 9 पन्नों के सुसाइड नोट में 12 अधिकारियों के नाम लिए और उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। कुमार ने मंगलवार को अपने घर पर आत्महत्या कर ली, और अपने पीछे एक नोट छोड़ा जिसमें एक वसीयत भी शामिल है जिसमें उन्होंने अपनी सारी संपत्ति अपनी पत्नी के नाम करने की बात कही है।
इस बीच उनकी पत्नी और वरिष्ठ आईएसएस अमनीत पी कुमार ने अपने पति की मौत के लिए डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजनेरिया को दोषी बताया है और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। अमनीत पी कुमार का कहना है कि इन दोनों अफसरों ने न केवल मेरे पति का मानसिक उत्पीड़न किया बल्कि उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया। मृतक आईजीपी की पत्नी का कहना है कि उनकी आत्महत्या से ठीक पहले डीजीपी ने मेरे पति के स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। यह सब कुछ जातिवादी वजहों से किया का रहा था।
सूत्रों के अनुसार, उनकी जेब से मिले नोट में उन्होंने उत्पीड़न, भेदभाव और प्रशासनिक पक्षपात का आरोप लगाया है। सूत्रों के अनुसार, नोट में डीजीपी स्तर के एक अधिकारी पर अनावश्यक नोटिस जारी करके उन्हें बार-बार परेशान करने का आरोप लगाया गया है। कुमार ने 7-8 आईपीएस और 2 आईएएस अधिकारियों के नाम भी लिए हैं और उन पर प्रशासनिक हस्तक्षेप, पोस्टिंग में भेदभाव और आधिकारिक समीक्षाओं (एसीआर) में पक्षपात का आरोप लगाया है।
समाचार दिए जाने तक डीजीपी हरियाणा और एसपी रोहतक के खिलाफ एफआईआर किए जाने की सुगबुगाहट थी अंतिम विवरण की प्रतीक्षा थी।
(यह खबर अपडेट की जा रही है)