[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तालिबान की प्रेस कॉन्‍फेंस से भारत सरकार ने झाड़ा पल्‍ला, महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर मचा हंगामा
68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी मामले में अनिल अंबानी के सहयोगी पर शिकंजा
टीवी डिबेट के दौरान वाल्मीकि पर टिप्पणी को लेकर पत्रकार अंजना ओम कश्यप और अरुण पुरी पर मुकदमा
बिहार चुनाव में नामांकन शुरू लेकिन महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर घमासान जारी
क्या है ननकी राम कंवर का नया सनसनी खेज आरोप?
EOW अफसरों पर धारा-164 के नाम पर कूटरचना का आरोप, कोर्ट ने एजेंसी चीफ सहित 3 को जारी किया नोटिस
रायपुर रेलवे स्टेशन पर लाइसेंसी कुलियों का धरना खत्म, DRM ने मानी मांगे, बैटरी कार में नहीं ढोया जाएगा लगेज
तालिबान के दबाव में विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन
छत्तीसगढ़ संवाद के दफ्तर में झूमाझटकी, मामला पुलिस तक
काबुल में पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से क्‍यों चौकन्‍ना हुआ चीन, जारी की सुरक्षा चेतावनी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्टः जरूरत और मेहरबानियां

Editorial Board
Last updated: October 8, 2025 8:15 pm
Editorial Board
Share
Navi Mumbai International Airport
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई में नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का उद्घाटन किया है, इससे निश्चिय ही देश की आर्थिक राजधानी के छत्रपति महाराज शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बढ़ता दबाव कम होगा और यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

दरअसल तीन दशक पहले नवंबर, 1997 में इंद्र गुजराल की अगुआई वाली संयुक्त मोर्चा के समय मुंबई में एक नए एयरपोर्ट की जरूरत महसूस की गई थी और अब तीन दशक बाद नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में देश को एक नया हवाई अड्डा मिला है, तो निश्चय ही यह आधारभूत संरचना की दिशा में एक बड़ा कदम है।

हालांकि इस तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि इसके प्रबंधन का जिम्मा अडानी समूह से जुड़ी अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड (एएएचएल) के पास है और अब उसके पास देश के आठ हवाई अड्डों का जिम्मा है, जिनमें से सात अन्य हवाई अड्डे हैं- अहमदाबाद, मंगलुरू, जयपुर, गुवाहाटी, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम और मुंबई एयरपोर्ट।

बीते 11 सालों में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अडानी समूह का यह विकास वाकई हैरान करने वाला है, तो इसके पीछे कुछ गंभीर सवाल भी हैं। हैरत नहीं होनी चाहिए कि अगस्त 2019 में अस्तित्व में आए एएएचएल के पास आज जिन हवाई अड्डों का जिम्मा है, वहां से देश के कुल एक चौथाई यात्री उड़ान भरते हैं और यही नहीं, इन्हीं हवाई अड्डों से 33 फीसदी माल की आवाजाही होती है।

बेशक, एएएचएल को टेंडर की प्रक्रिया के जरिये ही सफल बोली लगाने की वजह से ये हवाई अड्डे मिले हैं, लेकिन गौर करने वाली बात है कि जब कैबिनेट ने नवंबर 2018 में इनमें से छह हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला किया था, तब यह कंपनी अस्तित्व में ही नहीं थी!

सवाल तब इसलिए उठे थे, क्योंकि हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए पीपीपी एप्रवूल कमेटी यानी पीपीपीएसी ने यह शर्त हटा ली कि जिस कंपनी के पास पूर्व अनुभव नहीं है, वह भी इसमें बोली लगा सकती है। यही नहीं, उसने यह शर्त भी हटा ली कि किसी कंपनी को दो से अधिक हवाई अड्डे नहीं दिए जा सकते।

उस वक्त मीडिया में खबरें आई थीं कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग इन ढीलों के खिलाफ थे। हैरत नहीं कि एएएचएल को अस्तित्व में आने के कुछ महीने के भीतर ही उसे छह हवाई अड्डे दिए गए जिनमें रणनीतिक महत्व के साथ ही सर्वाधिक मुनाफा कमाने वाले हवाई अड्डे भी थे!

बेशक, 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद देश में निजीकरण के लिए रास्ता खुला है, और उसका लाभ भी आर्थिक विकास और आम लोगों की जिंदगी में आए बदलाव के रूप में दिखता है।

सच यह भी है कि उसके बाद की सारी सरकारें भी उसी राह पर चलती आई हैं, लेकिन जिस तरह से मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद एक दो उद्योगपतियों का एकाधिकार बढ़ा है, उस पर सवाल उठते हैं, तो यह लाजिमी है। कंपनियों के अस्तित्व में आने से पहले ही यदि उनके अनुकूल नियम कायदों में ढील दी जाए, तो उससे नीति के साथ ही नीयत पर भी शक पैदा होता है।

यह भी देखें: बोधघाट परियोजनाः मुरिया दरबार में उठी आवाज सुनें

TAGGED:AdaniEditorialNarendra ModiNavi Mumbai International AirportNMIA
Previous Article Durg nun case : नारायणपुर की युवतियों को कब मिलेगा न्याय ?
Next Article Andhra Pradesh firecracker factory Fire पटाखा फैक्‍ट्री में आग, छह मजदूरों की मौत
Lens poster

Popular Posts

सुशासन बाबू के विरोध में विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा ‘सुशासन’ कैसे बन गया?

पूर्णिया में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जला दिया गया, सीवान में…

By राहुल कुमार गौरव

एक और संवेदनहीन फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज संजीव कुमार सिंह ने बलात्कार के एक मामले में पीड़िता को…

By Editorial Board

भारत सरकार ने एयर इंडिया क्रैश के मामले में संयुक्त राष्ट्र विमानन संगठन को अंततः दे दी जांच की इजाजत

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली भारतीय अधिकारियों ने 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया…

By Lens News Network

You Might Also Like

Rahul Gandhi and Election Commission Controversy
English

Shed the ambivalence

By Editorial Board
Trade union strike
लेंस संपादकीय

भारत बंद का असर

By Editorial Board
election commission of india
English

Unbundling a juggernaut

By Editorial Board
ceasefire
लेंस संपादकीय

युद्ध विराम

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?