नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर बहस के दौरान जूता निकालकर फेंकने की कोशिश की, लेकिन समय रहते सुरक्षा कर्मियों ने उसे रोक लिया।
सुरक्षाकर्मियों ने वकील को कोर्ट से बाहर किया, इस दौरान वह चिल्लाया कि ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।’ CJI गवई ने पूरी घटना के दौरान शांति बनाए रखी और कहा, “हम इससे विचलित नहीं हो रहे, आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें।” जिस वकील इस घटना को अंजाम दिया है, उनका नाम राकेश किशोर, उम्र 71 साल है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीजेआई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

भगवान विष्णु की मूर्ति पर टिप्पणी से हुआ विवाद
माना जा रहा है कि यह घटना खजुराहो में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति से जुड़े एक पुराने मामले में CJI की टिप्पणी को लेकर हुई है। टिप्पणी का कई हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था।
खजुराहो में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की एक शख्स की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा था, “जाओ और देवता से ही कुछ करने के लिए कहो, तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो तो जाओ और अभी प्रार्थना करो” उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके विरोध की बाढ़ आ गई थी।
गवई बोले मै सभी धर्मों का सम्मान करता हूं
मुख्य न्यायाधीश ने विवाद बढ़ने के बाद कहा था कि उनकी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। गवई ने कहा, “किसी ने मुझे बताया कि मेरे द्वारा की गई टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर एक खास तरीके से पेश किया गया है… मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।”