लेंस डेस्क। Darjeeling Landslide: उत्तर बंगाल में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। दार्जिलिंग जिले में भूस्खलन और एक पुल के ढहने की घटनाओं में अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं। आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन से कई लोग हताहत हुए हैं। दार्जिलिंग जिला पुलिस और अन्य टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन कालिम्पोंग में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। लगातार बारिश के कारण कई इलाकों का संपर्क कट गया है और सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी जैसे क्षेत्र भी इस बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जहां कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले ही उत्तर बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी और सिक्किम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, 7 अक्टूबर तक बारिश जारी रहने की संभावना है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश के कारण उत्तर बंगाल में अचानक बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दार्जिलिंग में हुई इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि पुल ढहने की घटना में जान-माल के नुकसान से वे बहुत दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
पीएम ने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के कारण दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद दी जाएगी।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है वह बीती रात से स्थिति पर नजर रख रही हैं और 24 घंटे निगरानी कर रही हैं। उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, उत्तर बंगाल के जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक की, जिसमें गौतम देब और अनित थापा जैसे जनप्रतिनिधि भी शामिल थे।
मुख्यमंत्री कल मुख्य सचिव के साथ उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे अधिकारी और पुलिस सभी प्रभावित लोगों तक हर संभव सहायता पहुंचाएंगे।” राज्य मुख्यालय और जिलों में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सहायता के लिए नबanna आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के नंबर +91 33 2214 3526 और +91 33 2253 5185 पर संपर्क करें। टोल-फ्री नंबर हैं +91 86979 81070 और 1070।
रोकी गई आवाजाही
पश्चिम बंगाल के दुधिया में एक लोहे के पुल का हिस्सा ढह जाने से सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग राजमार्ग (एसएच-12) पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। मिरिक-सुखियापोखरी मार्ग के पास हुए बड़े भूस्खलन ने कई घरों को बहा दिया और सड़क यातायात को पूरी तरह बाधित कर दिया, जिससे कई छोटे गांवों से संपर्क टूट गया।
दार्जिलिंग के उप-निबंधक रिचर्ड लेप्चा ने बताया कि सात लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन कई अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका है। बारिश के कारण बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है। स्थानीय लोग और स्वयंसेवक राहत कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
दुर्गापूजा के बाद दार्जिलिंग में पर्यटकों की भीड़
दुर्गापूजा के बाद दार्जिलिंग में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर सप्ताहांत में। ऐसे में इस भूस्खलन के कारण कई पर्यटकों के फंसने की संभावना जताई जा रही है। दार्जिलिंग की मशहूर टॉय ट्रेन सेवाओं को ध्यान में रखते हुए गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन ने टाइगर हिल, रॉक गार्डन सहित सभी पर्यटक स्थलों को बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से सतर्क रहने और सड़क व मौसम की जानकारी लेते रहने की अपील की है। दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने इस आपदा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि इस बारिश से जान-माल और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है।