नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में वांछित भगोड़े नीरव मोदी से भारत में किसी भी एजेंसी द्वारा पूछताछ नहीं करेगी। यह भरोसा भारत ने ब्रिटेन को दिया है।
नीरव मोदी को सिर्फ अदालती कार्रवाई का सामना करना होगा। उसे हिरासत में भी नहीं लिया जाएगा। यह आश्वासन ब्रिटेन की एक अदालत द्वारा नीरव मोदी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की याचिका स्वीकार करने के बाद दिया गया है।
भारत की पांच प्रमुख जांच एजेंसियों केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय, सीमा शुल्क और आयकर विभाग ने संयुक्त रूप से ब्रिटेन सरकार को एक लिखित आश्वासन पत्र सौंपा है। इसमें कहा गया है कि नीरव मोदी के खिलाफ केवल वही मामले चलाए जाएंगे, जो पहले से दर्ज हैं और ये धोखाधड़ी व मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित होंगे।
भारत सरकार ने ब्रिटेन की सरकार और अदालत को नीरव मोदी की सुरक्षा व रहने की व्यवस्था के बारे में भी सूचित किया है। आश्वासन पत्र में बताया गया कि उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 में रखा जाएगा। यह बैरक विशेष रूप से उच्च-प्रोफाइल कैदियों के लिए बनाई गई है, जहां सामान्य कैदियों से अलग रखने की व्यवस्था है। इसमें यूरोपीय मानकों के अनुरूप सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
अधिकारियों का मानना है कि भारत के इस लिखित आश्वासन के बाद नीरव मोदी की याचिका को खारिज कर दिया जाएगा। इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को होनी है और संभावना है कि उसी दिन उसका दावा रद्द हो सकता है।
नीरव पर 13,000 करोड़ के घोटाले का आरोप
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। CBI और ED ने अब तक उसकी हजारों करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं। भारत सरकार नीरव को जल्द से जल्द देश लाकर उस पर मुकदमा चलाना चाहती है।
नीरव ने लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि भारत भेजे जाने पर कई एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगी और जेल में उसे यातना दी जाएगी। इस पर भारत ने स्पष्ट किया कि उसे केवल अदालती प्रक्रिया से गुजरना होगा, और किसी एजेंसी द्वारा पूछताछ नहीं होगी।
नीरव मोदी, उनके मामा मेहुल चोकसी, भाई नेहाल मोदी और अन्य पर पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। यह घोटाला फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए लोन लेकर किया गया। नीरव 19 मार्च, 2019 से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है, जहां उसे स्कॉटलैंड यार्ड ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर गिरफ्तार किया था।
नीरव को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है। ED ने उसकी 2,598 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और पीड़ित बैंकों को 981 करोड़ रुपये लौटाए गए हैं। भारत अब नीरव को वापस लाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज करने की कोशिश में है।
पहले भी मिली थी प्रत्यर्पण की मंजूरी
इससे पहले, ब्रिटेन की कई अदालतें नीरव के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे चुकी हैं, जो अब ब्रिटिश सरकार के पास लंबित है। हालांकि, हाल ही में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव की नई याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उसने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की मांग की थी। इससे भारत की चिंताएं बढ़ी थीं।
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