रायपुर। क्या प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चिट्ठी के बाद छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने उन आला अफसरों से पूछताछ शुरू कर दी है जिन पर कार्रवाई की चिट्ठी ईडी ने सरकार को भेजी है?
ये मामला बहुचर्चित कोयला घोटाले (Chhattisgarh Coal Levy Case) का है। 570 करोड़ के कोयला घोटाले में हाल ही में ईडी ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव और ईओडब्ल्यू प्रमुख को दस से बारह आईएएस और आईपीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि इस चर्चित घोटाले में कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार के अनेक दिग्गज जेल में थे।
पिछले दिनों द लेंस ने ही यह एक्सक्लूसिव खबर दी थी और अब खबर है कि ईओडब्ल्यू ने इस लिस्ट में शामिल अफसरों को बुलाना शुरू कर दिया है।
अभी बिलासपुर संभाग के एक जिले के कप्तान को सबसे पहले बुलाए जाने की खबर है। इस खबर की पुष्टि के लिए हमने ईओडब्ल्यू चीफ अमरेश मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
इसी तरह जिस पुलिस कप्तान को बुलाए जाने की चर्चा है उनसे संपर्क तो हुआ लेकिन जैसे ही उनसे सवाल की शुरुआत ईओडब्ल्यू के नाम से हुई उन्होंने फोन ही काट दिया। इसके बाद दोबारा उन्हें फोन किया गया, तो उन्हें फोन रिसीव नहीं किया।
ईओडब्ल्यू ने लगभग उन सभी अफसरों को नोटिस दे दिया है, जिन पर कार्रवाई के लिए ईडी ने पत्र लिखा है। अब इस नोटिस से छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में खलबली मची हुई है।
ईडी ने कोल लेवी मामले में सबसे पहले आईएएस समीर बिश्नोई, तात्कालीन रायगढ़ कलेक्टर आईएएस रानू साहू, तात्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के अलावा कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था।
आगे चल कर कारोबारी सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, संदीप नायक, सौम्या के करीबी दीपेश टांक, मुुंबई के लाइजनर राजेश चौधरी, कारोबारी निखिल चंद्राकर, पीए मनीष उपाध्याय, सूर्यकांत तिवारी के भतीजे नवनीत तिवारी, रानू साहू के रिश्तेदार नारायण साहू, सूर्यकांत का कर्मचारी रौशन सिंह को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में लगभग सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है। इस केस में सौम्या का भाई अनुराग चौरसिया, सूर्यकांत का भाई रजनीकांत तिवारी, सूर्यकांत की मां कैलाश देवी, कांग्रेस नेता आरपी सिंह, विनोद तिवारी, विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, रानू साहू का भाई पीयूष साहू और कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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