बस्तर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के कांकेर में रविवार को फोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन ईनामी नक्सली मारे गए। इन तीनों पर करीब 14 लाख रुपए का ईनाम था। कांकेर और गरियाबंद के बॉर्डर पर दोनों जिलों की डीआरजी की संयुक्त टीम ने यह ऑपरेशन किया।
कांकेर पुलिस के मुताबिक 28 सितंबर को दोपहर करीब 1 बजे कांकेर के छिंदखड़क जंगल पहाडी़ क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ हुई है। तीनों नक्सलियों का शव बरामद कर लिया गया है। नक्सलियों के पास से एक एसएलआर, एक 303 रायफल और एक 12 बोर के साथ नक्सल सामग्री बरामद की गई है।
कांकेर के एसएसपी आईके एलेसेला ने बताया कि कांकेर और गरियाबंद के डीआरजी जवानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। जंगल में डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम ने सर्चिंग अभियान शुरू किया था। अभियान के दौरान कांकेर के छिंदखड़क जंगल पहाड़ी क्षेत्र में मुठभेड़ हुई।
बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान सरवन मडकम उर्फ विश्वनाथ उर्फ बुधराम पुनेम, राजेश उर्फ राकेश हेमला और बसंती कुंजाम के तौर पर हुई है। सरवन सीतानदी/रावस समन्वय एरिया कमेटी का सचिव था और उस पर 8 लाख रूपये का ईनाम था। इसी तरह नगरी एरिया कमेटी/गोबरा एलओएस कमाण्डर राजेश पर 5 लाख और पीएम समन्वय/प्रोटेक्शन टीम मैनपुर-नुआपाड़ा सदस्य बसंती कुंजाम उर्फ हिडमें पर 1 लाख रूपये का ईनाम था।
बस्तर आईजी ने कहा कि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों और कठिन मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल अपना काम कर रहे हैं।
आईजी ने माओवादी कैडरों से अपील की कि वे यह यथार्थ स्वीकार करें कि माओवाद समाप्ति के कगार पर है। अब समय आ गया है कि वे हिंसा का मार्ग त्याग कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाते हुए मुख्यधारा से जुड़ें। यदि वे अवैध और हिंसक गतिविधियां जारी रखते हैं तो उन्हें कठोर परिणाम भुगतने होंगे।
यह भी पढ़ें : अबूझमाड़ में फिर मुठभेड़, 6 नक्सली मारे गए