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अर्थ

मोदी के बचत उत्सव से शेयर बाजार की बेरुखी क्यों?

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: September 25, 2025 4:36 PM
Last updated: September 25, 2025 8:08 PM
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GST 2.0 and stock market
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नई दिल्ली। जीएसटी व्यवस्था में बड़े बदलाव के बाद भी शेयर बाजार की चमक फीकी है। 22 सितंबर से लागू हुए जीएसटी 2.0 में अब मुख्य रूप से दो टैक्स स्लैब हैं 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जबकि लग्जरी और तंबाकू उत्‍पादों पर चालीस प्रतिशत। लेकिन अमेरिकी वीजा नीतियों की वजह से निवेशक डर गए हैं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक लगातार नीचे लुढ़क रहे हैं।

खबर में खास
आईटी कंपनियों के लिए बड़ा झटकाऑटो सेक्टर का हाल

पिछले तीन दिनों में सेंसेक्स करीब दो हजार अंकों की गिरावट के साथ 82 हजार के नीचे चला गया है, जबकि निफ्टी 25 हजार से फिसलकर 24 हजार 900 के नीचे पहुंच गया। 22 सितंबर को ही सेंसेक्स में 466 अंकों की कमी आई और निफ्टी 125 अंक लुढ़का। अगले दिन भी यह सिलसिला जारी रहा जहां सेंसेक्स 387 अंक नीचे बंद हुआ।

आज यानी 25 सितंबर को भी बाजार खुलते ही सेंसेक्स 500 अंकों से ज्यादा गिर गया। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी सुधार से बाजार को उछाल मिलना चाहिए था लेकिन वैश्विक चिंताओं ने इसे दबा दिया।

आईटी कंपनियों के लिए बड़ा झटका

इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका में एच1बी वीजा पर नई फीस लगना है। नई अमेरिकी नीति के तहत नए एच1बी आवेदनों पर एक लाख डॉलर की फीस लगेगी जो भारतीय आईटी कंपनियों के लिए बड़ा झटका है। ये कंपनियां अमेरिकी बाजार पर बहुत निर्भर हैं और इस फीस से उनके खर्चे बढ़ जाएंगे।

हिंदू बिजनेस लाइन के अनुसार इस खबर से निफ्टी आईटी इंडेक्स तीन प्रतिशत लुढ़क गया और बड़ी कंपनियां जैसे टीसीएस इंफोसिस टेक महिंद्रा विप्रो दो से तीन प्रतिशत नीचे आ गईं। मिडकैप आईटी शेयरों में तो पांच प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। गुरुवार को आईटी सेक्‍टर डेढ़ फीसदी से ज्‍यादा गिर गया।

ऑटो सेक्टर का हाल

ऑटो सेक्टर में स्थिति कुछ अलग है। जीएसटी कट से छोटी कारों मोटरसाइकिलों और कमर्शियल वाहनों पर टैक्स 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया जिससे मांग बढ़ने की उम्मीद है। सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी ऑटो इंडेक्स में हल्की गिरावट आई लेकिन कुछ कंपनियां जैसे बजाज ऑटो में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। फिर भी कुल बाजार की कमजोरी ने इसे भी प्रभावित किया।

अन्य सेक्टर्स में भी असर दिख रहा है। रियल्टी और फार्मा शेयर एक से डेढ़ प्रतिशत नीचे रहे जबकि एफएमसीजी थोड़ा बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। ओबी न्यूज के मुताबिक आईटी की गिरावट ने ऑटो की बढ़त को कवर कर दिया और विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने से भी बाजार दबाव में है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष नंदिश शाह मानते हैं कि जीएसटी सुधार की खुशी अल्पकालिक साबित हुई क्योंकि ऊंचे स्तर पर मुनाफा बुकिंग हो गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में फेस्टिवल डिमांड और जीएसटी के फायदे बाजार को सहारा देंगे लेकिन आईटी सेक्टर को अमेरिकी नीतियों का इंतजार रहेगा। निवेशकों को सलाह है कि लंबी अवधि के लिए मजबूत कंपनियों पर नजर रखें।

TAGGED:GST 2.0NiftySensexStock marketTop_News
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