SMITA PRAKASH: लखनऊ की एक अदालत में समाचार एजेंसी ANI की संपादक स्मिता प्रकाश के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज की गई है। आरोप है कि ANI ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के नाम का दुरुपयोग कर झूठी खबरें फैलाईं। यह शिकायत पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने दायर की है। अदालत ने शिकायत को सही पाते हुए इसे औपचारिक रूप से दर्ज करने का आदेश दिया है।
अमिताभ ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा कि ANI ने कई बार ऐसी खबरें प्रकाशित कीं जिनमें दावा किया गया कि वे चुनाव आयोग के बयान हैं लेकिन ये न तो आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर थीं न ही उनके सोशल मीडिया हैंडल पर। ठाकुर का कहना है कि यह बिना किसी ठोस सबूत के आयोग के नाम पर गलत जानकारी फैलाने जैसा है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 1 अगस्त 2025 को ANI ने दोपहर 3:08 बजे एक पोस्ट किया, जिसमें आयोग के हवाले से राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के बयान पर आपत्ति जताई गई थी। लेकिन आयोग ने इस बारे में अपना आधिकारिक बयान बाद में शाम 5:59 बजे (हिंदी में) और 6:55 बजे (अंग्रेजी में) अपने X हैंडल पर जारी किया। ठाकुर का आरोप है कि ANI ने बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के पहले ही खबरें चलाईं।
अदालत ने क्या कहा?
लखनऊ की अदालत ने शिकायत पर सुनवाई के बाद इसे प्रक्रियात्मक रूप से सही माना। कोर्ट ने कहा “शिकायत और लिखित दस्तावेजों की जांच के बाद यह मामला शिकायत के रूप में दर्ज किया जाए।” अदालत ने ठाकुर को 26 सितंबर 2025 को शपथ के तहत बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है।
ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा कि ANI ने कई बार ऐसी खबरें चलाईं, जो न तो आयोग की वेबसाइट पर थीं, न ही किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई थीं। उनका दावा है कि ये खबरें पूरी तरह ANI की मनमानी थीं और इनके पीछे कोई आधिकारिक आधार नहीं था। उन्होंने यह भी संदेह जताया कि ANI को आयोग के सिस्टम से अवैध तरीके से जानकारी मिल रही हो सकती है जिसे बाद में लीक किया जाता है।
कानूनी आधार क्या है?
ठाकुर ने अपनी शिकायत में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(2) और 318(3) का हवाला दिया है। इन धाराओं में धोखाधड़ी करने की सजा का प्रावधान है। धारा 318(2) में तीन साल तक की जेल या जुर्माना और धारा 318(3) में पांच साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है, अगर धोखाधड़ी से किसी को नुकसान पहुंचाने की मंशा हो। ठाकुर का कहना है कि ANI की गलत खबरों से जनता और संस्थानों को नुकसान हुआ है।
पुलिस के बजाय कोर्ट क्यों?
ठाकुर ने बताया कि वे चाहते तो पुलिस में FIR दर्ज करा सकते थे लेकिन उन्हें डर था कि पुलिस पर बाहरी दबाव पड़ सकता है। इसलिए उन्होंने सीधे अदालत में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। उन्होंने कोर्ट से स्मिता प्रकाश के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।