[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रस्ताव पर बातचीत रुकी
भारतीय वायु सेना द्वारा रक्षा मंत्रालय को 114 राफेल खरीदने का प्रस्ताव
UPI से अब 10 लाख तक की Payment, बढ़ा दी गई लिमिट
राजनीतिक दलों के कालेधन के इस्तेमाल पर जानकारी दे केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट
छत्तीसगढ़: ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान लीड करेंगे पायलट
गरियाबंद मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों का शव किया गया एयरलिफ्ट, यहां देखें लिस्ट
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री, zen-z ने कहा-हम करेंगे सरकार की निगरानी
NHM कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में उतरा छग सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, कवासी लखमा की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने जांच पर दिया जोर
कांकेर सांसद भोजराज नाग को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

राजनीतिक दलों के कालेधन के इस्तेमाल पर जानकारी दे केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

आवेश तिवारी
Last updated: September 12, 2025 9:56 pm
आवेश तिवारी
Share
Supreme Court
SHARE

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें राजनीतिक दलों को विनियमित करने और काले धन व आपराधिक उद्यम के माध्यम के रूप में उनके कथित दुरुपयोग को रोकने के लिए एक वैधानिक ढांचे की मांग की गई थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया और सुझाव दिया कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया जाए, क्योंकि कोई भी अंतिम निर्देश उन्हें सीधे प्रभावित करेगा।

पीठ ने कहा, “…हम नोटिस जारी करेंगे, लेकिन एक समस्या उत्पन्न हो सकती है। आपने राजनीतिक दलों को पक्षकार नहीं बनाया है। वे कहेंगे कि आप उन्हें विनियमित करने के लिए कह रहे हैं और वे यहाँ हैं ही नहीं।”

उपाध्याय ने अदालत से आग्रह किया है कि वह चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के पंजीकरण और कामकाज के लिए व्यापक नियम बनाने का निर्देश दे और केंद्र को “राजनीति में भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता, अपराधीकरण और धन शोधन के खतरे” को रोकने के लिए कानून बनाने का निर्देश दे।

‘काले धन का रूपांतरण’

अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में हाल ही में पड़े आयकर छापों का हवाला देते हुए इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि कैसे गुमनाम राजनीतिक संगठनों का कथित तौर पर बेहिसाब धन को सफेद करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया है, “नागरिकों को इससे बहुत नुकसान होता है क्योंकि लगभग 90% राजनीतिक दल काले धन को सफेद करने के लिए ही बनते हैं। वे कभी चुनाव नहीं लड़ते, लेकिन हज़ारों करोड़ रुपये नकद इकट्ठा करते हैं और 20% कमीशन काटकर दानदाताओं को चेक के ज़रिए वापस कर देते हैं। यह बताना ज़रूरी है कि कभी-कभी केंद्र सरकार भी काले धन को वैध बनाने की योजनाएं शुरू करती है, लेकिन 33% कमीशन काट लेती है।”

अदालत को 13 जुलाई को इंडियन सोशल पार्टी और युवा भारत आत्मनिर्भर दल पर की गई छापेमारी की भी जानकारी दी गई, जिसमें कथित तौर पर 500 करोड़ रुपए की बेहिसाब संपत्ति का पता चला। 12 अगस्त, 2025 को एक अलग छापेमारी में कथित तौर पर राष्ट्रीय सर्व समाज पार्टी के पदाधिकारियों के आवासों से ₹271 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति बरामद हुई। इन छापों की समाचार पत्रों में छपी खबरें याचिका के साथ संलग्न की गई हैं।

व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई है। यह भी तर्क दिया गया है कि राजनीतिक दलों के पास पर्याप्त शक्ति होने के बावजूद, उन्हें “सार्वजनिक प्राधिकरण” नहीं माना जाता है और वे कंपनियों, सहकारी समितियों या ट्रस्टों के विपरीत किसी भी नियामक ढांचे से बाहर रहते हैं।

याचिका में कहा गया है, “आंतरिक लोकतंत्र, पारदर्शी वित्त पोषण या जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कोई कानून नहीं है।” वर्तमान में, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) की धारा 29ए केवल दलों के पंजीकरण का प्रावधान करती है, जबकि धारा 29सी ₹20,000 से अधिक के दान का खुलासा अनिवार्य करती है।

याचिका में कहा गया है, “शासन और कानून निर्माण में निर्णायक शक्ति होने के बावजूद, राजनीतिक दल जवाबदेह नहीं हैं। भारतीय लोकतंत्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए एक मज़बूत कानूनी ढाँचा अनिवार्य है।”

यह भी देखें: सिर्फ दिल्ली-एनसीआर नहीं देश भर में पटाखों पर प्रतिबंध की जरूरत

TAGGED:Black moneyLatest_NewsPoliticalsupreme court
Previous Article Kanchana Yadav and Priyanka Bharti टीवी डिबेट के कोलाहल में संभावनाओं से भरी दो आवाजें
Next Article UPI Payment Limit UPI से अब 10 लाख तक की Payment, बढ़ा दी गई लिमिट

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

The Lens Podcast 2९th April 2025 | सुनिए देश-दुनिया की बड़ी खबरें | The Lens

By The Lens Desk

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में EOW ने 32 ठिकानों पर की छापेमारी, 90 लाख से ज्यादा नगदी बरामद

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में EOW ने प्रदेश के 32 ठिकानों पर…

By Lens News

ऑपरेशन सिंदूर पर घिरेगी सरकार, विपक्ष तैयार!, कांग्रेस चाहती है पीएम से जवाब

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस समेत…

By आवेश तिवारी

You Might Also Like

Amit Shah
देश

हमारी भाषा ही हमारी पहचान, अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म महसूस होगी : अमित शाह

By Lens News Network
देश

केंद्र की नीतियों के खिलाफ भारत बंद आज, मजदूर और किसान हड़ताल पर, बैंकों का समर्थन

By पूनम ऋतु सेन
union carbide case
अन्‍य राज्‍य

भोपाल गैस त्रासदी : जहरीले कचरे से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे पाए सरकारी वैज्ञानिक

By अरुण पांडेय
Karreguta Hill
छत्तीसगढ़

कर्रेगुट्टा पहाड़ी में फोर्स ने 21 दिन में 31 नक्‍सली मारे, इनमें 16 महिलाएं, एक भी नामी नक्‍सली नहीं चढ़ा हत्थे

By Lens News
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?