रायपुर। शिक्षक दिवस 2025 के अवसर पर, 5 सितंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश भर के 45 उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया। इस साल छत्तीसगढ़ के दो शिक्षकों दुर्ग की डॉ. प्रज्ञा सिंह और कोरबा के संतोष कुमार चौरसिया ने इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया।
National Teachers’ Awards 2025 winners list
प्रत्येक विजेता को एक प्रशस्ति पत्र, रजत पदक और 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन शिक्षकों को सम्मानित करने का एक तरीका है, जो न केवल किताबी ज्ञान देते हैं, बल्कि अपने नवाचार और समर्पण से छात्रों के जीवन को नई दिशा प्रदान करते हैं।
दुर्ग जिले के हनोदा मिडिल स्कूल की शिक्षिका डॉ. प्रज्ञा सिंह ने अपनी अनूठी शिक्षण शैली और समर्पण से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उन्होंने अपनी निजी बचत से करीब 8 लाख रुपये खर्च कर स्कूल में मैथ्स लैब, गणित पार्क, लाइब्रेरी और उल्लास केंद्र स्थापित किए।
डॉ. सिंह ने गणित को रोचक बनाने के लिए लूडो, सांप-सीढ़ी और छत्तीसगढ़ी परंपराओं का उपयोग किया, जिससे बच्चों को खेल-खेल में जटिल गणितीय अवधारणाएं समझने में आसानी हुई। उनके प्रयासों से स्कूल में 100% नामांकन और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्त हुए हैं।
चार विषयों में स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधि धारक डॉ. सिंह ने बालिका शिक्षा और साक्षरता अभियान को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की तस्वीर बदली है। कोरबा के पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में कार्यरत संतोष कुमार चौरसिया को भी उनके शैक्षिक नवाचार और समर्पण के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नेशनल टीचर्स अवॉर्ड 2025: विजेताओं की संक्षिप्त सूची
- डॉ. प्रज्ञा सिंह – हनोदा मिडिल स्कूल, दुर्ग, छत्तीसगढ़
- संतोष कुमार चौरसिया – पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, कोरबा, छत्तीसगढ़
- अवधेश कुमार झा – रोहिणी सेक्टर-8 स्कूल, दिल्ली
- नरिंदर सिंह – गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल, जंडियाली, पंजाब
- मारम पवित्रा – जिला परिषद हाई स्कूल, पेनपहाड़, तेलंगाना
- मदबथुला तिरुमला श्रीदेवी – पंडित नेहरू जीवीएमसी हाई स्कूल, विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश
- किशोरकुमार एम.एस. – कल्लारा वोकेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल, केरल
- डॉ. बी.एस. मनोज – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस, केरल
- रेवती परमेश्वरन – पी.एस. सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मायलापुर, तमिलनाडु
- विजयलक्ष्मी – भारतियार सेंटेनरी स्कूल, तिरुप्पुर, तमिलनाडु
- शशि पॉल – गवर्नमेंट मॉडल सेंटर प्राइमरी स्कूल, सोलन, हिमाचल प्रदेश
- विलास सटारकर – डॉ. के.बी. हेजवायर हाई स्कूल, उत्तर गोवा
- हितेश कुमार भुंडिया – श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विद्यालय, राजकोट
- बसंत कुमार राणा – गवर्नमेंट एनयूपीएस कोंडेल स्कूल, मलकानगिरी, ओडिशा
संतोष कुमार ने अपने शिक्षण में रचनात्मक और अनुभवात्मक शिक्षण पद्धतियों को अपनाकर छात्रों के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके कार्यों ने न केवल स्कूल के शैक्षिक स्तर को ऊंचा किया, बल्कि विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में भी मदद की है।
छत्तीसगढ़ के इन दोनों शिक्षकों की उपलब्धियां पूरे राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ ने लगातार दूसरे वर्ष इस पुरस्कार में अपनी उपस्थिति दर्ज की है।
पिछले वर्ष 2024 में दुर्ग की दिव्यांग शिक्षिका के. शारदा को भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को पीछे छोड़ते हुए खेदामारा के शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल में नवाचार के माध्यम से छात्रों के जीवन में बदलाव लाया था। इन शिक्षकों की कहानियां दर्शाती हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद, समर्पण और रचनात्मकता से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।