नई दिल्ली। उत्तर भारत में भारी बारिश ने हालात को गंभीर कर दिया है। नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण भारत ने पाकिस्तान को तवी नदी में पानी बढ़ने की चेतावनी दी है। नई दिल्ली से बुधवार को जारी एक अलर्ट में बताया गया कि कई बड़े बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है, जिससे पाकिस्तान के कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
भारत ने सोमवार को पहली चेतावनी जारी की थी और इसके बाद मंगलवार व बुधवार को भी नई सूचनाएं भेजी गईं। इनमें कहा गया कि तवी नदी में बाढ़ की संभावना बहुत अधिक है। यह नदी हिमालय से निकलती है, जम्मू से होकर गुजरती है और पाकिस्तान में चेनाब नदी से मिलती है। लगातार बारिश के कारण कई बांधों के गेट खोलने पड़े, जिससे जलस्तर और बढ़ गया है।
उत्तरी राज्यों में भारी बारिश से नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पंजाब में सतलुज, ब्यास, रावी और कई छोटे नाले उफान पर हैं। जम्मू में भी बारिश ने नदियों को और खतरनाक बना दिया है। जलस्तर इतना बढ़ गया कि प्रशासन को बड़े जलाशयों के गेट खोलने पड़े। अधिकारियों का कहना है कि अगर पानी नहीं छोड़ा जाता तो और बड़े हादसे हो सकते थे।
मानवीय आधार पर पहल
भारत ने साफ किया है कि यह चेतावनी केवल मानवीय आधार पर दी गई है। बाढ़ से सीमा पार भी भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए समय पर सूचना देना जरूरी था। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश का यह दौर जारी रहा तो हालात और खराब हो सकते हैं। भारत के इस कदम को सीमा पार आपदा प्रबंधन में सहयोग का एक उदाहरण माना जा रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई सिंधु जल संधि के तहत दोनों देश नदियों से जुड़े आंकड़े साझा करते थे। लेकिन इस साल अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने नियमित जल-संबंधी डेटा साझा करना बंद कर दिया था।
पाकिस्तान में अलर्ट जारी

पाकिस्तान इस समय भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा है। वहां के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पंजाब प्रांत, खासकर लाहौर और आसपास के इलाकों में बाढ़ के गंभीर खतरे की चेतावनी दी है। अगले 48 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि भारत से छोड़ा गया पानी और लगातार बारिश ने नदियों को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है।
हालात बिगड़ने के कारण छह जिलों में सेना की मदद लेनी पड़ी है। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत, जो देश की खाद्य आपूर्ति का प्रमुख केंद्र है, बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, रावी, चेनाब और सतलुज नदियों में पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। नरोवाल, सियालकोट और शकरगढ़ जैसे इलाकों में तटबंधों में दरारें आ गई हैं और कई जगहों पर पुल बहने से संपर्क टूट गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी ताजा चेतावनी में स्थिति को बहुत गंभीर बताया है। रावी नदी के जस्सर में पानी तेजी से बढ़ रहा है, जो तटबंधों को डुबो सकता है। चेनाब और सतलुज में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते अधिकारियों को हाई अलर्ट जारी करना पड़ा है।