रायपुर। छत्तीसगढ़ में 14वें मंत्री के शपथ लेने के बाद से राजनीति गर्म है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे अवैध बताया था, तो अब नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सीधे राज्यपाल रमेन डेका से मंत्री हटाने की मांग कर दी है। नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि अनुच्छेद 164 (1 क) के विपरीत चौदहवां मंत्री बनाया गया है। नियम विरुद्ध बने एक अतिरिक्त मंत्री को हटाया जाए।
डॉ. महंत ने राज्यपाल को पत्र में लिखा कि, छत्तीसगढ़ के मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की कुल संख्या, भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (1 क) के विपरीत, विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक हो जाने के कारण, एक मंत्री को पद से हटाया जाए।
उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (1 क) के बारे में लिखा, ‘किसी राज्य की मंत्रिपरिषद के मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, परंतु किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या बारह से कम नहीं होगी। संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के प्रारम्भ पर मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या, यथास्थिति, उक्त 15 प्रतिशत या पहले परन्तुक में विनिर्दिष्ट संख्या से अधिक है, वहां उस राज्य में मंत्रियों की कुल संख्या ऐसी तारीख से, जो राष्ट्रपति लोक अधिसूचना द्वारा नियत करें, छह माह के भीतर इस खण्ड के उपबंधों के अनुरूप लाई जाएगी।’
20 अगस्त 2025 को तीन नए मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की और इससे से मंत्रिपरिषद के मंत्रियों की मुख्यमंत्री सहित कुल संख्या 14 हो गई है। छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 90 है।
संविधान का अनुच्छेद 164 (1 क) के अनुसार राज्य की मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। 90 का 15 प्रतिशत 13.50 होता है अर्थात मंत्रियों की संख्या मुख्यमंत्री सहित, 13.50 से अधिक नहीं होगी। वर्तमान में यह संख्या 14 है जो 13.50 से अधिक है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, 14 मंत्रियों में से किसी एक मंत्री को पद से हटाते हुए संविधान के अनुच्छेद 164 (1 क) का पालन किया जाना सुनिश्चित करें।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर 14 मंत्रियों की नियुक्ति को अवैध बताया।
भूपेश बघेल ने कहा कि 14 मंत्री बनाने के लिए भारत सरकार से इसकी अनुमति ली गई है या नहीं। अगर अनुमति ली गई है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए। अगर अनुमति नहीं मिली है तो मंत्रियों की नियुक्ति अवैधानिक है। हमारी सरकार में भी 14 मंत्री बनाने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली। इतना ही नहीं विधानसभा में शासकीय संकल्प भी पारित किया गया था। हमारे वक्त केंद्र सरकार ने जवाब ही नहीं दिया था। क्या अब अनुमति दे दी गई है। हमने तो 15 फीसदी की जगह 20 फीसदी विधायकों को मंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहली बार 14 मंत्रियों की कैबिनेट बनी है। इससे पहले अब तक सिर्फ 13 मंत्री ही बनाए जाते थे। छत्तीसगढ़ में इस वक्त एक मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दो उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा के अलावा 11 मंत्री हैं। 11 मंत्री के तौर पर राम विचार नेताम, दयाल दास बघेल, केदार कश्यप, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी देवांगन, गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत और राजेश अग्रवाल कैबिनेट में शामिल हैं।