नई दिल्ली। हंगामे के साथ 21 जुलाई को शुरू हुआ मनसून सत्र हंगामे के साथ ही 21 अगस्त को खत्म हो गया। इस एक महीने के सत्र के लिए 120 घंटे की चर्चा तय की गई थी, लेकिन केवल 37 घंटे ही कामकाज हो सका। इस दौरान दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को छोड़कर बहुत कम कामकाज हो सका।
बार-बार हंगामे, स्थगन और बायकॉट के कारण सत्र प्रभावित रहा। लोकसभा में 12 और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित हुए। दो बार स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
इस सत्र में कुल 18 बैठकें प्रस्तावित थीं, जिनमें 8 नए और 7 लंबित विधेयकों को पेश करना था। हालांकि, विपक्ष के हंगामे, खासकर बिहार SIR के मुद्दे पर, ने सत्र को पूरी तरह प्रभावित किया। स्पीकर ने कहा कि 419 प्रश्नों को शामिल किया गया और 28-29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन पीएम के जवाब के साथ हुआ। साथ ही 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर चर्चा शुरू की गई।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में गरिमामय तरीके से चर्चा होनी चाहिए। स्पीकर ने पीएम मोदी, मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, सांसदों, मीडिया और लोकसभा सचिवालय का सहयोग के लिए आभार जताया।
राज्यसभा में सत्र के पहले दिन बिल ऑफ लैडिंग बिल 2025 बिना किसी रुकावट के पास हुआ, लेकिन अन्य विधेयक हंगामे या विपक्ष के बायकॉट के बीच ही पारित हो सके।
पिछले दिन लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने तीन विधेयक पेश किए, लेकिन विपक्ष ने विरोध में कागज फाड़कर उनके ऊपर उछाले। फिर भी, ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल 2025, जो ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाता है, लोकसभा से पास हो गया।
राज्यसभा में असम के गुवाहाटी में 22वां भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) स्थापित करने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025 पारित हुआ। यह कदम असम में अगले साल होने वाले चुनावों के मद्देनजर अहम माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने इस सत्र को विजयोत्सव बताया था, लेकिन विपक्ष ने पहले से आखिरी दिन तक हंगामा जारी रखा, जिसके कारण सत्र का ज्यादातर समय व्यवधानों में बीता।