नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता और अधिवक्ता आरती अरुण साठे की बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रस्तावित नियुक्ति पर बवाल छिड़ गया है। आरती फरवरी 2023 में भाजपा की प्रवक्ता थीं और उन्हें इस पद पर पदोन्नत करने को लेकर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 जुलाई को हुई अपनी बैठक में साठे, अजीत काडेथांकर और सुशील घोडेश्वर को बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
अधिवक्ता आरती साठे की बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर विवाद छिड़ गया है, क्योंकि यह पता चला है कि वह महाराष्ट्र भाजपा की आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में काम कर रही थीं।
एनसीपी (एसपी) के विधायक और महासचिव रोहित पवार ने महाराष्ट्र भाजपा के लेटरहेड पर आरती साठे की महाराष्ट्र भाजपा प्रवक्ता के रूप में नियुक्ति का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया,जिसकी पुष्टि सुश्री साठे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर किया।
रोहित पवार ने कहा कि सार्वजनिक मंच से सत्ताधारी दल की वकालत करने वाले व्यक्ति की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात है। उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्तियों के भारतीय न्यायिक व्यवस्था की निष्पक्षता पर दूरगामी परिणाम पड़ेगा। भाजपा का कहना है कि कुछ वर्थ पहले उन्होंने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है।