रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के वेंडर्स ने क्रेडा के अध्यक्ष और भाजपा नेता भूपेंद्र सवन्नी पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। क्रेडा वेंडर्स का आरोप है कि अध्यक्ष बनने के बाद भूपेंद्र सवन्नी काम के बदले 3 फीसदी कमीशन मांगते हैं। क्रेडा वेंडर्स ने इसकी शिकायत की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी की है। इस शिकायत के बाद ही इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है। शिकायती पत्र में वेंडर्स ने आरोप लगाया है कि जो काम हो चुका है उसका भी कमीशन भूपेंद्र सवन्नी मांग रहे हैं।
पढ़ें पूरी शिकायत :

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को 20 मई 2025 को शिकायती पत्र लिखा गया है, लेकिन मंगलवार को शिकायत पत्र वायरल होने के बाद पूरा मामला सामने आया। क्रेडा में काम करने वाले दर्जनों वेंडर्स के हस्ताक्षर इस शिकायत पत्र में हैं। इस वायरल पत्र को कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, ’जब से सुशासन की सरकार आई है तब से लेकर सभी विभागों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है क्रेडा में कार्य करने वाले एजेंसीयो से 3% कमीशन की मांग की जा रही है। शिकायत मुख्यमंत्री से हुई है। भ्रष्टाचार पर zero टोलरेंस की बात करने वाली सरकार आखिर कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है। क्या मुख्यमंत्री जी का भी हिस्सा इसमें फिक्स है?’
इस शिकायती पत्र के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से ऊर्जा विभाग के भारसाधक सचिव को लिखा गया वह पत्र भी सामने आया जिसमें वेंडर्स की तरफ से की गई शिकायत के संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर जनदर्शन के वेबसाइट में अपडेट कराने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय से यह आदेश 8 जुलाई को दिया गया है।
शिकायत के अनुसार क्रेडा के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी उनके पदभार ग्रहण करने से पहले के आवंटित और पूर्ण हो चुके कार्य का 3 फीसदी कमीशन मांग रहे हैं। यह मांग वे अपने निजी सचिव वैभव दुबे के जरिए कर रहे हैं। कमीशन नहीं देने पर किसी भी कारण का उल्लेख कर या कार्यों की जांच कराकर नोटिस दिलवाने और ब्लैक लिस्टेड करने की धमकी दी जा रही है। साथ ही प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे हम सब बहुत परेशान हैं। कमीशन मांग के साथ ही सवन्नी के पूर्व के हाउसिंग बोर्ड कार्यकाल का जिक्र पत्र में किया गया है। इसमें कहा गया कि हाउसिंग बोर्ड की भविष्य निधि और पेंशन की 132 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने के साथ ही शासकीय धन से खरीदी गई छोटी छोटी वस्तुओं को भी गायब करने का आरोप लगा है।
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