[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
CG कैबिनेट में 14वें मंत्री की नियुक्ति पर हाई कोर्ट में सुनवाई, कांग्रेस की याचिका डबल बेंच से कनेक्ट
असम के भाजपा और असम गण परिषद से जुड़े तीन पूर्व विधायकों ने कांग्रेस का थामा हाथ
पीएम मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर तैयारियां तेज, राजभवन में बीजेपी नेताओं की बैठक पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
शराब घोटाले का चालान लेकर राजीव भवन पहुंची ED, महामंत्री गैदु काे थमाई चालान की कॉपी और लौट गई
Bihar SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, 12वें दस्तावेज तौर पर आधार मान्‍य, योगेंद्र यादव ने बताया बड़ी जीत
उपराष्ट्रपति चुनाव से बीजद और बीआरएस के दूरी के संकेत, क्‍या होगा वोटिंग पर असर?
PM सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को बढ़ावा देने सभी जिलों में चलेगा सूर्य रथ, CM ने दिखाई हरी झंडी
जाने-माने पत्रकार और टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर का निधन
रेपिस्ट पूर्व सांसद रवन्ना बना जेल लाइब्रेरी का बाबू
EOW, ED के बाद अब मोक्षित कॉर्पोरेशन पर GST इंटेलिजेंस का एक्शन, इधर शशांक चोपड़ा की जमानत याचिका खारिज
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

J&K पुलिस ने अपने ही कांस्टेबल काे हिरासत में दी यातना, फिर कर दिया फर्जी FIR, सुप्रीम कोर्ट नाराज

आवेश तिवारी
Last updated: July 23, 2025 2:28 pm
आवेश तिवारी
Share
J&K Police
Bihar Voter List Revision
SHARE

नई दिल्ली। यह पुलिस हिरासत में यातनाओं का शर्मनाक किस्सा है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर पुलिस (J&K Police) के कांस्टेबल को हिरासत में प्रताड़ित करने के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही पीड़ित को 50 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया।

न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि हिरासत में यातना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को निर्णय की तारीख से एक महीने के भीतर गिरफ्तार किया जाए।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि पीड़ित के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए संवैधानिक जनादेश को कायम रखने के लिए ऐसे निर्देश आवश्यक हैं।

पीठ पुलिस कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुना रही थी, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।

17 फरवरी, 2023 को, चौहान को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के पुलिस उपाधीक्षक ऐजाज अहमद नाइको द्वारा मादक पदार्थों के मामले से संबंधित जांच के सिलसिले में 20 फरवरी, 2023 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए बुलाया गया था।

चौहान ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचने पर उन्हें हिरासत में लिया गया और लगातार छह दिनों तक क्रूर यातनाएँ दी गईं। उनके जननांग और अंडकोष काट दिए गए, उनके गुप्तांगों पर मिर्च छिड़की गई और उन्हें बिजली के झटके दिए गए, जिससे उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। उन्हें बेहोशी की हालत में कुपवाड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

यातनाओं के बाद हद से बाहर हुए हालात

उनकी गंभीर चिकित्सा स्थिति के कारण, उन्हें पहले बारामूला के जिला अस्पताल में स्थानांतरित किया गया और फिर 26 फरवरी, 2023 को शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान, सौरा भेज दिया गया। एसकेआईएमएस में, चौहान ने उप-निरीक्षक आशिक हुसैन के साथ, अपने अंडकोष के विच्छेदन से लगी चोटों की सर्जरी करवाई, जिसे उक्त उप-निरीक्षक एक पॉलीथीन बैग में अस्पताल लाए थे।

26 फरवरी, 2023 को मुन्नेर अहमद, उप-निरीक्षक और प्रभारी, पुलिस पोस्ट टाड, करनाह ने भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 309 के तहत दंडनीय अपराध के लिए चौहान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

चौहान की पत्नी ने तुरंत कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर से संपर्क किया और अपने पति को हिरासत में क्रूर यातना देने और जानलेवा चोटें पहुंचाने के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। हालांकि, एसएचओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। व्यथित होकर, उन्होंने कुपवाड़ा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया, जिन्होंने भी दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू करने से इनकार कर दिया।

अंततः चौहान ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा एफआईआर रद्द करने सहित अन्य राहत की मांग की।

TAGGED:J&K Policesupreme courtTop_News
Previous Article Jagdeep Dhankhar सवालों की धुंध में लिपटा इस्तीफा
Next Article Vinay Sharma वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट विनय शर्मा नहीं रहे

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

केंद्र सरकार ने राज्यों को दी अतिरिक्त राशि, छत्तीसगढ़ को मिले 2784 करोड़ रूपए

रायपुर। केंद्र सरकार ने राज्यों को 81 हजार 735 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि…

By Lens News

रायपुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल के लिए सिर्फ आश्वासन, सुविधा कब तक पता नहीं ?

रायपुर। 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे के अवसर पर डॉक्टर के कार्यक्रम में सीएम विष्णु…

By पूनम ऋतु सेन

भारत की तेजी से फलती-फूलती टेम्पल इकोनॉमी

मुंबई के मिल वाले क्षेत्र परेल में लालबाग इलाका है। इस क्षेत्र में मिल के…

By डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

You Might Also Like

Digital Arrest in Raipur
छत्तीसगढ़

डिजिटल अरेस्ट का शिकार प्रोफेसर से 88 लाख की ठगी, मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से फंसाया

By पूनम ऋतु सेन
छत्तीसगढ़

ASI के बेटे बहु ने युवक की हत्या कर शूटकेस में सीमेंट से किया पैक, दिल्ली से रायपुर लाए गए आरोपी

By Lens News
Karreguta Pahadi
छत्तीसगढ़

कर्रेगुट्टा पहाड़ी में IED ब्लास्ट से कोबरा अफसर ने गंवाया पैर, एक महिला नक्सली की मिली लाश

By नितिन मिश्रा
Sankarshan Thakur passes away
देश

जाने-माने पत्रकार और टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर का निधन

By अरुण पांडेय
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?