नोएडा। शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा ज्योति शर्मा ने शुक्रवार शाम अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। आत्महत्या ( STUDENT SUICIDE CASE ) से पहले उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें छात्रा ने दो शिक्षकों कथित ‘महेंद्र सर और शैरी मैम’ पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट में ज्योति ने लिखा कि वह डिप्रेशन में थी और अब और नहीं जी सकती।
ज्योति ने अपने आखिरी खत में क्या लिखा था –
“अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए PCP और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे। महेंद्र सर और शैरी मैम ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे बार-बार अपमानित किया। मैं चाहती हूं कि उन्हें भी वही दर्द झेलना पड़े। सॉरी, मैं अब और नहीं जी सकती।”
12वीं मंजिल पर कमरे में मिला शव
घटना यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल मंडेला की है। शाम 7 बजे के आसपास ज्योति का शव उसके कमरे में पंखे से लटका मिला। जब एक साथी छात्रा वहां पहुंची और दरवाजा अंदर से बंद पाया तो धक्का देकर दरवाजा खोला। इसके बाद पुलिस और हॉस्टल वार्डन को सूचना दी गई।

तीन दिन लगातार डिपार्टमेंट से निकाला गया
वहां मौजूद अन्य छात्रों ने मीडिया को बताया कि ज्योति पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगा था जिससे वह बहुत परेशान थी। उसे गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार लगातार तीन दिन PCP डिपार्टमेंट से भगा दिया गया। उसे फेल करने की धमकी भी दी गई थी। सोमवार को उसके माता-पिता यूनिवर्सिटी आए थे तब जाकर फाइल वापस दी गई।
सुसाइड नोट छुपाने का आरोप वार्डन पर
एक छात्रा ने नाम बतायी जाने पर एक न्यूज़ एजेंसी को बताया कि वार्डन ने सुसाइड नोट को छिपा लिया था और पूरी घटना को दबाने की कोशिश की गई। वहीं, एक और छात्र ने कहा कि ज्योति को एक चादर में लपेटकर जल्दबाजी में ले जाया गया और किसी को उसकी नब्ज तक चेक नहीं करने दी गई।

छात्र-छात्राओं का विरोध प्रदर्शन
ज्योति की मौत की खबर फैलते ही यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया। छात्र-छात्राएं इकट्ठा होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। “शारदा फैकल्टी हाय-हाय”, “न्याय दो”, “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए गए। छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी में न सिक्योरिटी सही है और न ही भोजन की व्यवस्था।
माता-पिता का आरोप और धरना
मीडिया में आये बयानों के अनुसार ज्योति की मां का कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी को सील नहीं किया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को मारा गया है यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। शुक्रवार को ज्योति ने परिवार से बात भी नहीं की थी, जबकि वह हर रोज 4 बजे कॉल करती थी।

शिक्षकों को सस्पेंड और गिरफ्तार किया गया
जिन दो शिक्षकों पर आरोप लगा है, उन्हें यूनिवर्सिटी ने तुरंत सस्पेंड कर दिया है। जबकि पुलिस ने भी दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। फिलहाल इस मामले में ये आना बाकी है की वाकई ये आत्महत्या है या मानसिक प्रताड़ना के आरोप सच है।