[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
रायपुर में मजदूरों को बनाया बंधक, 5 महीने तक पैसे के बदले दी यातनाएं, मामला दबाने में जुटा प्रशासन
भोपाल के बाद अब इंदौर का पुल क्यों चर्चा में है, डिजाइन ऐसी कि चकरा जाए सिर
बस्तर : बड़ी घटना को अंजाम देने की ताक में बैठे 6 नक्सली गिरफ्तार, IED भी बरामद
नर्स निमिषा प्रिया को यमन में सजा-ए-मौत से दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई  
वोट वाइब सर्वे : केरल में कांग्रेसनीत यूडीएफ सबसे आगे, मगर थरूर की लोकप्रियता ने दुविधा में डाला
थरूर ने आपातकाल के बहाने कांग्रेस को घेरा, नसबंदी को बताया बदनाम मिसाल
सुशासन बाबू के विरोध में विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा ‘सुशासन’ कैसे बन गया?
सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को राहत, बिहार में नहीं रुकेगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, अगली सुनवाई 28 जुलाई को
‘लिटिल मास्टर’ सुनील गावस्कर का 76वां जन्मदिन, क्रिकेट नहीं कुश्ती में थी दिलचस्पी
2100 नहीं 3200 करोड़ का है शराब घोटाला, चार्जशीट में नाम आने के बाद आबकारी विभाग ने 22 अफसरों को किया सस्पेंड
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को राहत, बिहार में नहीं रुकेगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, अगली सुनवाई 28 जुलाई को

देश

सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को राहत, बिहार में नहीं रुकेगा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण, अगली सुनवाई 28 जुलाई को

Arun Pandey
Last updated: July 10, 2025 11:34 pm
Arun Pandey
Share
supreme court on Voter List
SHARE

लेंस डेस्क। बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को राहत देते हुए सुझाव दिया कि आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आई कार्ड को दस्‍तावेज के तौर लिया जाए। कोर्ट ने SIR प्रक्रिया पर रोक लगाने से फिलहाल मना कर दिया। इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी। जबकि चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सर्वे का काम 25 जुलाई को ही पूरा कर लेगा।

खबर में खास
चुनाव आयोग की दलीलेंजजों ने क्‍या कहा

चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन का आदेश दिया था। इसके खिलाफ राजद सांसद मनोज झा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ सहित कई पक्षों ने उच्चतम न्यायालय में १० याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाकर्ताओं ने आयोग के इस कदम को रद्द करने की मांग की थी।

सुनावाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग तय नहीं कर सकता कि कौन देश का नागरिक है। कोर्ट ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण को बिहार चुनाव से नहीं जोड़ा जा सकता। कोर्ट ने आयोग को यह भी कहा कि मतदाताओं को पर्याप्त समय देने की जरूरत है।

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को ठीक करने और गैर-नागरिकों के नाम हटाने के लिए गहन जांच में कोई खामी नहीं है। लेकिन कोर्ट ने सवाल उठाया, “आपने प्रस्तावित चुनाव से कुछ समय पहले ही यह कदम उठाने का निर्णय क्यों लिया? इसके पीछे का मकसद क्या है?”

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को यह अधिकार देना गलत है कि वे किसी की नागरिकता तय करें। उनका कहना था कि यह फैसला केंद्र सरकार को करना चाहिए, न कि चुनाव आयोग को। जवाब में कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका दिया जाए।

चुनाव आयोग की दलीलें

चुनाव आयोग ने बताया कि फॉर्म अपलोड होने के बाद डेटाबेस तैयार हो जाएगा, जिससे प्रक्रिया को और आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। आयोग ने यह भी कहा कि मतदान केंद्रों की संख्या को 1500 से घटाकर 1200 करने का लक्ष्य है। इसके लिए आवास और पहचान पत्रों की जांच होगी। आयोग ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड केवल पहचान का प्रमाण है, न कि नागरिकता का।

नागरिकता और मतदाता योग्यता सत्यापन के लिए 11 दस्तावेजों की सूची दी गई है, जिनका एक खास उद्देश्य है। आयोग के मुताबिक, अब तक 60% योग्य मतदाताओं ने फॉर्म भर दिया है और लगभग आधे फॉर्म अपलोड हो चुके हैं, जिसमें करीब 5 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया है।

आयोग ने दोहराया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, बल्कि केवल पहचान पत्र है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या 2025 में जिनका नाम मतदाता सूची में है, वे बने रहेंगे? आयोग ने जवाब दिया कि हां, लेकिन फॉर्म भरना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई फॉर्म नहीं भर पाता, तो क्या उसका नाम सूची में रहेगा?

आयोग ने यह भी कहा कि घर-घर सर्वे किया जाएगा। अगर कोई पहली बार घर पर नहीं मिलता, तो दूसरी और तीसरी बार भी प्रयास होगा। दस्तावेजों पर हस्ताक्षर घर से ही होंगे। इस काम में 1 लाख BLO और 1.5 लाख BLA लगे हैं, जो रोजाना 50 फॉर्म जमा करवा रहे हैं। आयोग के अनुसार, 2003 की मतदाता सूची में शामिल 3 करोड़ से अधिक मतदाताओं को सिर्फ फॉर्म भरना है।

कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग दोनों का उद्देश्य संविधान और कानून का पालन सुनिश्चित करना है। आयोग ने बताया कि कुछ याचिकाओं में दावा किया गया कि पिछले 20 साल में 1.1 करोड़ लोग मर चुके हैं और 70 लाख लोग पलायन कर गए हैं। इसे मान भी लिया जाए, तो 4.96 करोड़ में से केवल 3.8 करोड़ लोगों को ही फॉर्म भरना है।

जजों ने क्‍या कहा

सुनवाई के दौरान जस्टिस धूलिया ने कहा कि जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, वह संविधान के दायरे में है, इसलिए इसे गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता। इस पर शंकर नारायणन ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ता प्रक्रिया के अधिकार को चुनौती नहीं दे रहे, बल्कि इसके अमल में लाए जा रहे तरीके को नियम-विरुद्ध मानते हैं।

कोर्ट ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि यदि नागरिकता की जांच को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया, तो यह जटिल बन जाएगा। कोर्ट ने सुझाव दिया कि नागरिकता जांच की प्रक्रिया को समय से पहले शुरू करना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि यदि नागरिकता जांच के लिए किसी अर्ध-न्यायिक संस्था को शामिल किया गया, तो प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि नागरिकता को मतदाता सूची संशोधन से जोड़ने पर पूरी निर्वाचन प्रक्रिया लंबी और समय लेने वाली हो सकती है।



अपडेट जारी है….

TAGGED:Bihar assembly electionsLatest_Newssupreme courtVoter list amendmentVoter List Controversy
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Suneel Gavaskar ‘लिटिल मास्टर’ सुनील गावस्कर का 76वां जन्मदिन, क्रिकेट नहीं कुश्ती में थी दिलचस्पी
Next Article bihar law and order सुशासन बाबू के विरोध में विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा ‘सुशासन’ कैसे बन गया?

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

प्रतिष्ठित कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार

रायपुर। हिंदी के प्रतिष्ठित कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को इस वर्ष का ज्ञानपीठ…

By The Lens Desk

नीतीश ने दोगुने से भी ज्‍यादा बढ़ाई पेंशन, तेजस्वी ने कहा-हम देंगे 1500, पीके बोले-कर देंगे दो हजार  

पटना। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव चल दिया…

By Lens News Network

थरूर की मौजूदगी में पीएम मोदी का कांग्रेस पर तंज, अडानी की तारीफ

तिरुवनंतपुरम। (Vizhinjam International Port) केरल के विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र…

By Lens News Network

You Might Also Like

Dismissal of JNU professor
देश

जापानी दूतावास की शिकायत पर जेएनयू में एक्‍शन, यौन दुराचार मामले में प्रोफेसर स्वर्ण सिंह बर्खास्त

By Arun Pandey
ANI copyright dispute
देश

कॉपीराइट विवाद :  मोहक मंगल, कुणाल कामरा और जुबैर के खिलाफ कोर्ट पहुंचा ANI,  संजय हेगड़े ने कहा – हफ्ता वसूली

By Lens News Network
india pakistan war
दुनिया

न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा, पाकिस्‍तान पर हमले से पहले अमेरिका को दी गई थी जानकारी

By Lens News Network
PAHALGAM ATTACK
देश

अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को कहा – ‘पाकिस्तानियों को घर भेजें’, पीड़ितों से की मुलाकात के राहुल गांधी ने कहा – ‘आतंकी कुछ भी कर लें, हम उन्‍हें हरा देंगे’

By Lens News Network
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?