द लेंस डेस्क। 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एक दुखद घटना हुई जहां एयर इंडिया की लंदन जा रही उड़ान AI-171 हादसे का शिकार हो गई। यह विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया जिसमें 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों समेत कुल 270 लोगों की जान चली गई। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास में एक गंभीर घटना बन गया ।
DGCA ने क्यों की कार्रवाई?
इस हादसे की जांच के बाद भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पाया कि चालक दल की ड्यूटी शेड्यूल और रोस्टरिंग में बड़ी लापरवाही हुई। जांच में सामने आया कि पायलटों की थकान और गलत शेड्यूलिंग इस हादसे का एक बड़ा कारण हो सकती है। DGCA ने एयर इंडिया प्रबंधन पर बार-बार सुरक्षा नियमों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। इसके चलते तीन वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया।
कौन-कौन से अधिकारी प्रभावित?
DGCA ने एयर इंडिया को इन तीन अधिकारियों को तुरंत उनकी जिम्मेदारियों से हटाने का निर्देश दिया है:
चूरा सिंह (डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट), पिंकी मित्तल (क्रू शेड्यूलिंग की चीफ मैनेजर), पायल अरोड़ा (क्रू शेड्यूलिंग प्लानिंग), इन अधिकारियों को अब क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टर से जुड़े सभी कामों से अलग कर दिया गया है। DGCA का कहना है कि इनकी गलतियों ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया जिसमें गलत क्रू जोड़ाई, लाइसेंसिंग नियमों की अनदेखी और शेड्यूलिंग प्रणाली में खामियां शामिल हैं।
एयर इंडिया का जवाब
एयर इंडिया ने DGCA के आदेश को मान लिया है और इन अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है। कंपनी ने कहा कि अब चीफ ऑपरेशन्स ऑफिसर अगले आदेश तक ऑपरेशन्स कंट्रोल सेंटर की निगरानी करेंगे। यह आदेश 20 जून को जारी हुआ था जो अब सार्वजनिक हुआ है।
DGCA के आगे के निर्देश
DGCA ने एयर इंडिया को सख्त हिदायतें दी हैं: इन अधिकारियों के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करें और 10 दिन में रिपोर्ट दें। इन अधिकारियों को तब तक गैर-ऑपरेशनल पदों पर रखा जाए, जब तक शेड्यूलिंग में सुधार नहीं हो जाता। फ्लाइट सेफ्टी या क्रू नियमों से जुड़े कामों से इन्हें दूर रखा जाए। अगर भविष्य में कोई और उल्लंघन हुआ, तो जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना या उड़ान पर प्रतिबंध जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है।
फ्लाइट्स में रुकावट
हादसे के बाद एयर इंडिया की कई उड़ानें रद्द हो रही हैं। कंपनी के पास 33 बोइंग 787-8/9 विमान हैं। 12 से 17 जून के बीच 69 उड़ानें रद्द की गईं। 18 जून को 3, 19 जून को 4, और 20 जून को 8 उड़ानें कैंसिल हुईं, यानी 9 दिन में कुल 84 उड़ानें प्रभावित हुईं। इसके अलावा, 19 जून को वियतनाम जा रही एक फ्लाइट में तकनीकी खराबी के कारण उसे वापस दिल्ली बुलाया गया। इसी तरह, दिल्ली से पुणे की एक उड़ान में पक्षी टक्कर के बाद रद्द कर दी गई।
टाटा ग्रुप और सुरक्षा जांच
एयर इंडिया के मालिक टाटा ग्रुप ने DGCA के फैसले को स्वीकार कर लिया है और कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना ने भारतीय विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। DGCA ने एयर इंडिया को अपने सभी विमानों की सुरक्षा जांच तेज करने का भी आदेश दिया है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।