नेशनल ब्यूरो। दिल्ली
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए राज्य को 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए एक दीर्घकालिक योजना शुरू करने की बात कही है। ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ के तहत कहा गया कि अगले पांच वर्षों में राज्य के जीएसडीपी को दोगुना करने की बात कही है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर, जिसे कभी विश्व स्तर पर भारत के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से एक माना जाता था, अब राष्ट्रीय विकास मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है। “बस्तर अब ‘मेक इन इंडिया’ का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है, एक ऐसा स्थान जहां नवाचार, उद्योग और अवसर एक साथ मिलेंगे।
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उन्होंने कहा कि जो बच्चे कभी जंगलों में जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करते थे, वे अब मशीनें चलाना और लैपटॉप इस्तेमाल करना सीख रहे हैं।उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे सरकार ने बस्तर और आसपास के 32 ब्लॉकों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए हैं। युवाओं को अब कंप्यूटर साक्षरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण और तकनीकी व्यापारों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे उन्हें आधुनिक उद्योगों में अवसरों के लिए तैयार किया जा रहा है।
कौशल विकास के साथ-साथ बस्तर में बड़े पैमाने पर निवेश भी आकर्षित हो रहा है। नवा रायपुर में भारत की पहली सेमीकंडक्टर इकाई और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में रोजगार सृजन और प्रौद्योगिकी अपनाने में तेज़ी आने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षा, पुनर्वास और विकास के माध्यम से दशकों पुराने उग्रवाद को खत्म करने के अपनी सरकार के संकल्प की पुष्टि की।उनका बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पहले अपनाए गए रुख को प्रतिध्वनित करता है, जिन्होंने मार्च में छत्तीसगढ़ की यात्रा के दौरान कहा था, ‘2026 से पहले देश से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा।’
मुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए व्यापक पुनर्वास, कौशल और स्वरोजगार कार्यक्रम चला रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे न केवल निहत्थे हों, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदानकर्ता के रूप में समाज में पुनः शामिल हो सकें।
छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाना है, जो इस विश्वास पर आधारित है कि राज्य के युवा इसकी सबसे बड़ी संपत्ति हैं। विजन डॉक्यूमेंट में 2047 तक प्रति व्यक्ति आय में दस गुना वृद्धि करने की बात कही गई है।
जब पीएम मोदी ने कहा – छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में लंच ब्रेक के समय प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के सीएम साय का हाथ थामते हुए मुस्कराकर कहा, ‘छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है।’ उस वक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी साथ थे। दोनों पीएम मोदी की बात सुनकर मुस्कुरा दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में हो रहे सकारात्मक बदलाव, औद्योगिक निवेश और ‘आत्मनिर्भर बस्तर’ की दिशा में राज्य सरकार के उठाए गए ठोस कदमों की सराहना की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि कैसे बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक बन रहा है – जहां कभी बंदूकें चलती थीं, वहां अब मशीनें, लैपटॉप और स्टार्टअप की चर्चा हो रही है। नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से लेकर लिथियम ब्लॉक की नीलामी तक – छत्तीसगढ़ अब न केवल संसाधनों का राज्य है, बल्कि भविष्य के भारत की प्रयोगशाला बन रहा है।