नई दिल्ली। केंद्र सरकार और कांग्रेस के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तीखी राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। इस विवाद की जड़ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक बयान है, जिसे आधार बनाकर कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमलावर है। सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन खेड़ा ने कहा कि विदेश मंत्री ने स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को दी गई थी। राहुल गांधी ने भी इस पर सवाल उठाए हैं, जो पहले भी इस मुद्दे को लेकर सरकार से जवाब मांग चुके हैं। खेड़ा ने कहा कि ट्रंप ने व्यापारिक दबाव डालकर युद्ध रोका, लेकिन यह मामला बेहद गंभीर है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सौदेबाजी हुई और प्रधानमंत्री मोदी चुप रहे। वे न तो अमेरिका के खिलाफ बोलते हैं, न ही चीन के आखिर उनका कौन सा रहस्य इन देशों के पास है?
खेड़ा ने सवालों की बौछार करते हुए पूछा कि विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को यह जानकारी क्यों दी? क्या इसे कूटनीति कहा जाएगा? उन्होंने इसे जासूसी, देशद्रोह और अपराध करार दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने मसूद अजहर को दूसरी बार बचाया, जैसा कि पहले कंधार हाईजैक मामले में हुआ था। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या इस बयान के बाद आतंकी ठिकानों को खाली कराया गया? कितने आतंकी भागे और कितने भारतीय एजेंट मारे गए?
खेड़ा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भी कोहाट में पाकिस्तान के परमाणु संयंत्र की जानकारी लीक की थी, जिससे रॉ का ढांचा तबाह हुआ और कई एजेंट मारे गए। उन्होंने कहा कि बीजेपी बार-बार ऐसे कृत्य करती रही है। खेड़ा ने जयशंकर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और देश के साथ विश्वासघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कांग्रेस इस मुद्दे पर सवाल उठाती रहेगी।
पवन खेड़ा ने कहा कि विदेश मंत्री ने स्वीकार किया है कि उन्होंने एयर स्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को सूचना दी थी। इसकी वजह से हमने कितने विमान गंवाए? यह कोई गलती नहीं, बल्कि अपराध है। देश को सच्चाई जानने का हक है।
खेड़ा ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि इस हमले का न्याय क्यों नहीं मिला। उन्होंने कहा, “चीन और अमेरिका से डरने की वजह से सरकार चुप है। दुनिया जानती है कि इस युद्ध में चीन की क्या भूमिका थी, लेकिन विदेश मंत्री का मुंह नहीं खुलता।”
वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विदेश मंत्री की चुप्पी को ‘निंदनीय’ बताया। उन्होंने लिखा, “मैं फिर पूछता हूं- जयशंकर को पाकिस्तान को जानकारी देने का अधिकार किसने दिया? इससे हमारी वायुसेना को कितना नुकसान हुआ?” राहुल ने शनिवार को भी एक न्यूज चैनल का वीडियो शेयर कर जयशंकर पर इसी तरह के आरोप लगाए थे।
विदेश मंत्रालय दे चुका है सफाई
इससे पहले राहुल गांधी ने 17 मई को भी विदेश मंत्री एस जयशंकर पर इसी मामले में निशाना साधा था। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विदेश मंत्री पर देश को धोखा देने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की थी। तब विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया गया था कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में ही चेतावनी दी गई थी। कुछ लोग गलत ढंग से यह दावा कर रहे हैं कि यह चेतावनी ऑपरेशन शुरू होने से पहले दी गई थी। तथ्यों को पूरी तरह से तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है।