पहलगाम की घटना ने झीरम की यादें ताजा की: भूपेश बघेल
लेंस ब्यूरो। रायपुर
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने पहलगाम में हुए हमले को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना और झीरम घाटी की घटना में समानता है। इस घटना ने झीरम की यादें ताजा कर दी हैं। हम सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन सरकार बताए कि इस हमले की जिम्मेदारी किसकी है? सरकार का इंटेलिजेंस सिस्टम पूरी तरह से फेल रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भिलाई में प्रेसवार्ता कर पहलगाम में हुए हमले को लेकर भाजपा सरकार से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना कुछ सवाल छोड़ कर गई है। परसों पहलगाम में 28 लोगों की जान गई, पूरा देश स्तब्ध है, आक्रोशित है। पहलगाम लोग पर्यटन के लिए गए थे, कोई साल गिरह मानने गया था, कोई शादी के बाद गया था, कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की निंदा की है। कल मेरे निवास में सभी बड़े नेता मौजूद थे, हमने श्रद्धांजलि अर्पित किया, आज भी हम घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं।
उनहोंने आगे कहा कि ‘’’इस घटना से बहुत सारे सवाल उभरते हैं। हमारे यहां बहुत नक्सली घटनाएं हुई, जिसमें हमने अपने लोगों और अपने नेताओं को खोया है। झीरम घाटी की घटना और पहलगाम की घटना में समानता है। झीरम घाटी जो घटना घटी थी वहां भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, यहां भी नाम पूछकर हत्या की। ऐसा ही पहलगाम में हुआ है जिसमें नाम पूछकर हत्या की गई। झीरम घाटी की इस घटना ने याद ताजा कर दी।‘’
भूपेश बघेल ने कहा कि पहलगाम की जो घटना है इतना आराम से वो यात्रियों को पर्यटकों के नाम पूछ पूछ कर गोली मार रहे थे। इनको इतना विश्वास था कि यहां ना पुलिस है, ना जवान हैं। इतना विश्वास आखिर कैसे आया? उस जगह पर सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं थी? सीसीटीवी कैमरा वहां क्यों नहीं लगाया गया?
उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने हम सबको झकझोर दिया है, वहां जो होटल वाले थे, घोड़ा चलाने वाले थे, उन्होंने सभी को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए अपने जान पर खेल कर सुरक्षित किया,। अपने घर पर उन्होंने आश्रय दिया। लेकिन भाजपा इसमें भी राजनीति कर रही है। भाजपा ने इसमें भी आपदा में अवसर ढूंढने का काम कर रही है। जितने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल के नेता है, अपनी संवेदना व्यक्त की है, इस घड़ी में शोक व्यक्त किया और सरकार को समर्थन देने की बात की। भाजपा इस समय भी सोशल मीडिया में जिस प्रकार की बयानबाजी की, जाति नहीं धर्म पूछकर मारा ऐसी पोस्ट की है।
आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई? प्रधानमंत्री का दौरा कुछ दिन पहले रद्द हुआ। उससे पहले गृहमंत्री ने कुछ दिन पहले कश्मीर मामले में समीक्षा बैठक की। आखिर इतना कुछ होने के बाद इतनी बड़ी घटना कैसे घट गई?
उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ खड़ें हैं। सरकार क्या कार्रवाई कर रही है बताए तो। भाजपा मुहिम चला रही है कि ‘धर्म पूछकर हत्या की, जाति पूछकर नहीं’। मीडिया में भी यही चल रहा था। आखिर किसी ने ये क्यों नहीं पूछा ‘इस घटना के लिए जिम्मेदार कौन है, इंटेलिजेंस फेलियर का जिम्मेदार कौन है? सुरक्षा नहीं होने का जिम्मेदार कौन है? वहां सैन्य बल, अर्ध सैन्य बल या स्थानीय पुलिस बल क्यों मौजूद नहीं था? सरकार को इन सभी बातों का जवाब देना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि सवाल 28 जानों का है जिनका परिवार उजड़ गया। उनको न्याय कब मिलेगा? आप चाहे कोई कार्रवाई करें, लेकिन आप जवाबदारी तय करें। आप कार्रवाई करें, पूरा देश भारत सरकार के साथ खड़ा है। लेकिन] यह भी तो बताइए कि वहां सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं पहुंची? इंटेलिजेंश फेल हुआ, इसका जिम्मेदार कौन है? इन सब बातों की उत्तर कौन देगा?