अहमदाबाद। तीन दशकों तक गुजरात की और पिछले तीन चुनावों से देश की सत्ता से बाहर रहने से पसरी निराशा और हिंदुत्व की आंधी के सापेक्ष जरूरी मुद्दों को खड़ा की नाकाम कोशिशों के बीच कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन आज 7 अप्रैल को खत्म हो गया।
गुजरात के अहमदाबाद में सम्पन्न अधिवेशन में राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने सामाजिक न्याय को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। यकीनन इस अधिवेशन से गुजरात कांग्रेस में रवानगी बढ़ने की संभावना है। जिस प्रदेश कार्यकारिणी लेकर राहुल गांधी ने पिछले महीने कहा था कि गुजरात कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं। एक वे जो लड़ते हैं और दूसरे वे जो “लोगों से कोई जुड़ाव नहीं रखते और बीजेपी से संबंध बनाए रखते हैं।”
अधिवेशन में शामिल महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा लेंस से कहती हैं कि हम सभी नई ताकत नई ऊर्जा के साथ वापस लौट रहे हैं। लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीतने वाली कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में लगातार पराजय का सामना कर रही है लेकिन गुजरात की जमीन से जुड़े जिग्नेश जैसे नेता कहते हैं अब आप बड़ा परिवर्तन देखेंगे , संगठन में भारी फेरबदल के बाद आयोजित यह अधिवेशन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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वफ्फ बिल पर पहली बार बोले राहुल
संसद में वफ्फ बिल पर खामोश रहने वाले राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में बिल का जिक्र करते हुए कहा कि यह फ्रीडम ऑफ रिलीजन और देश के संविधान पर हमला है। राहुल ने RSS के मुखपत्र ऑर्गनाइजर का जिक्र करते हुए कहा कि यह लोग अब ईसाइयों पर हमले की बात कर रहे यह बिल धर्म के विरुद्ध है।
वैश्विक मंच पर मोदी की खामोशी पर कटाक्ष
Congress session in Ahmedabad : राहुल ने हाल में बांग्लादेश के प्रभारी राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि वो भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री वहां के नेता से मिले लेकिन उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला।
ट्रंप और मोदी की मुलाकात का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि राहुल ने कहा कि पहले मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलते थे तो गले लगते थे। ट्रंप ने नए टैरिफ लगा दिए, मोदी जी की चूं तक नहीं निकली। जनता का ध्यान वहां न जाए इसलिए पार्लियामेंट में ड्रामा करा दिया। राहुल ने जोर देकर कहा कि आर्थिक तूफान आने वाला है।
Congress session in Ahmedabad : “दलित-पिछड़ों से छीने जा रहे नौकरियों के अवसर”

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले बीएचईएल, एचएएल और बीएसएनएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में दलित, पिछड़े और अति-पिछड़े वर्ग के लोगों को रोजगार के अवसर मिलते थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। उन्होंने कहा, “आज अडाणी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों की कंपनियों में इन वर्गों के लोगों को नौकरी नहीं मिलती।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में खनन परियोजनाएं और हवाई अड्डे निजी हाथों में सौंप रही है, जिससे इन क्षेत्रों के स्थानीय और वंचित समुदायों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “आज 90% दलित, पिछड़ा और अति-पिछड़ा वर्ग से अवसर छीने जा रहे हैं।”
Congress session in Ahmedabad : चुनावी धांधली पर खुला हमला
राहुल ने सीधे तौर पर न सही लेकिन विधानसभा चुनावों के कथित धांधली की बात कही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों से पूछिए, वहां बीजेपी ने चुनाव कैसे जीता। आने वाले समय में बदलाव आने वाला है। बिहार को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों का मूड दिख रहा है। भाजपा को केवल कांग्रेस हरा सकती है। राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की बात दोहराई और कहा कि हमें देश का एक्सरे करके देखना चाहिए कि कौन सी जाति कितनी है। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि हम अंग्रेजों के साथ आरएसएस से भी लड़े हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कमलनाथ समेत तमाम नेताओं ने ईवीएम की गड़बड़ी पर सवाल खड़े किए। खड़गे ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने ऐसी तकनीक बनाई है, जिससे उन्हें फायदा हो और विपक्ष को नुकसान।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव भी धोखे से जीता। महाराष्ट्र में 150 सीटों पर लड़कर 138 पर जीत हासिल की गई, जो 90 प्रतिशत जीत है, हमने ऐसा पहले कभी नहीं देखा। खड़गे ने यह भी कहा कि सब कुछ पता लगा लिया जाएगा, क्योंकि चोर चोरी करता है और आज नहीं तो कल पकड़ा जाएगा। गौरतलब है कि कांग्रेस वोटर लिस्ट को लेकर संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह हमलावर है।
चिदंबरम हुए बेहोश, मोदी ने जताई चिंता, देखने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री

साबरमती रिवरफ्रंट पर सम्पन्न हुए मुख्य अधिवेशन में देशभर से 1700 से अधिक कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल मौजूद रहे लेकिन प्रियंका गांधी व्यक्तिगत कारणों से नहीं पहुंची। तेज गर्मी में हुए इस अधिवेशन में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम बेहोश हो गए थे, जिन्हें देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल पहुंचे थे।