मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम स्थित एक कॉलेज में तब गजब हो गया जब उत्तरपुस्तिका प्रोफेसर ने नहीं बल्कि चपरासी ने जांच दी। सोशल मीडिया पर अब चपरासी का वीडियो वायरल हुआ है जो खूब सुर्खियां बटोर रहा है। जब छात्रों और उनके परिजनों तक ये मामला पहुंचा, तब इसने तूल पकड़ लिया। इसी के साथ वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। उच्च शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्राचार्य समेत प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया है।
कहां का है ये मामला
मामला पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का है। यहां परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चल रहा था, लेकिन मूल्यांकन किसी प्रोफेसर नहीं बल्कि एक चपरासी ने किया। इसके लिए बकायदा चपरासी को 5000 रुपये भी दिए गए। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें कॉलेज का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पन्नालाल पठारिया, छात्रों की कॉपियों की जांच करता नजर आया।
विधायक तक पहुंची शिकायत
वीडियो वायरल होने के बाद छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि ऐसे गैर –जिम्मेदार रवैये से उनकी मेहनत और भविष्य के खिलवाड़ किया गया है। विधायक नागवंशी ने छात्रों से मिले सबूतों को विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाया। इसके बाद कार्रवाई हुई।
जांच समिति की गई गठित
वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच समिति गठित कर दी। समिति ने 3 अप्रैल 2025 को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें ये बताया गया कि अतिथी शिक्षक खुशबू पगारे को मूल्यांकन के लिए दी गई थी, मगर उत्तर पुस्तिका कॉलेज के चपरासी पन्नालाल पठारिया द्वारा जांची गई थीं। वहीं पूछने पर कॉलेज के चपरासी पन्नालाल ने यह स्वीकार कते हुए बताया कि खुशबू पगारे ने अपनी खराब तबीयत का हवाले देते हुए आंसरशीट जांचने को कहा इसके बदले में उसे 5 हजार रुपये मिले।
इन पर हुई कार्रवाई
जांच रिपोर्ट के बाद कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य राकेश कुमार वर्मा और प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विभाग ने साफ कहा है कि प्रशासनिक मुखिया और वरिष्ठ प्राध्यापक होने के नाते उनकी देखरेख में इस तरह की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही गेस्ट फैकल्टी खुशबू पगारे, बुक लिफ्टर राकेश मेहर और चपरासी पन्नालाल पठारिया के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।