बिजनेस डेस्क। देश में इस बार प्याज की फसल अच्छी हुई है, मगर देश के बाजार में किसानों को उपज का दाम बहुत कम कम मिल रहा है। बिजनेस लाइन की रिपोर्ट अनुसार प्याज पर लगे 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क के कारण विदेशी बाजार में भी प्याज की पकड़ कमजोर होती जा रही है। भारत दूसरे देशों के सस्ते प्याज से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले साल मई महीने में प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद सिंतबर में निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत कर दिया था। व्यापारियों का कहना है कि निर्यात शुल्क के कारण खरीदार देश अन्य सस्ते प्याज निर्यातक देशों की ओर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे देश के किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र की राजनिती में प्याज का रोल
महाराष्ट्र की राजनिती में प्याज का अहम रोल है, इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि यहां प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, देश का 43 फीसदी प्याज भी महाराष्ट्र से आता है। केन्द्र सरकार ने मई 2024 को प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी कर दिया था। इसके पीछे सरकार का तर्क था कि घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन किसानों के विरोध को देखते हुए सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत कर दिया, जो अबतक जारी है।
अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा भारत
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार केरल एक्सपोर्टर्स फोरम के सचिव सीटी मुंशीद ने कहा कि केरल के कई एक्सपोर्टर्स महाराष्ट्र के नासिक से प्याज खरीदकर खाड़ी देशों के बाजारों में एक्सपोर्ट करते हैं, लेकिन 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क के चलते भारतीय प्याज अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है। उन्होंने बताया कि खाड़ी देश, पाकिस्तान, मिस्र, तुर्किये और ईरान जैसे देशों से सस्ती दर पर प्याज का आयात कर रहे हैं, ये सभी देश हमारे प्रतिस्पर्धी हैं। वहीं भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका जैसे देशों को प्याज निर्यात करता है।
अनुमानित उत्पादन 28.88 मिलियन टन
कृषि और किसान मंत्रालय ने बागवानी फसलों को लेकर पहले अग्रिम अनुमान में चालू फसल सीजन के दौरान जून में प्याज का उत्पादन 28.88 मिलियन टन रहने की बात कही है। एक साल पहले 24.27 मिलियन टन प्याज उत्पादन हुआ था। अभी बाजार में प्याज की मॉडल कीमतें 1525 रुपये प्रति क्विंटल और लाल किस्म के लिए 1570 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रही हैं।