[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब नवा रायपुर में हो सकेंगे चैंपियंस ट्रॉफी और टी 20 वर्ल्ड कप के मैच
कर्नाटक सरकार अब सभी कामकाजी महिलाओं को देगी हर माह एक पेड पीरियड लीव,अधिसूचना जारी
बिहार चुनाव में NDA की बंपर जीत, महागठबंधन की करारी हार  
पंडित जवाहरलाल नेहरू का ऐतिहासिक भाषण: ट्रिस्ट विद डेस्टिनी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन की बुरी हार, एनडीए की फिर से सरकार
पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर बेकाबू कटेंनर ने गाड़ियों को ठोका, 8 की मौत, दर्जनों घायल
चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क, जानिए ईडी को जांच में क्‍या मिला ?
भारत के 7 राज्यों में शीतलहर का कहर, दक्षिण भारत में होगी बारिश, दिल्ली में AQI अभी भी गंभीर श्रेणी में
ढाका में शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी मुख्यालय में हिंसा, आगजनी और मारपीट,17 नवंबर को फैसला
दिल्ली कार धमाके की जांच में ईडी की एंट्री, फंडिंग और यूनिवर्सिटी के लेन-देन पर नजर, उमर का डीएनए मैच
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

महाराष्ट्र में प्रोटोकॉल पर CJI गवई ने जताई नाराजगी, कहा – ‘मुख्य सचिव और DGP को रहना था मौजूद’

Amandeep Singh
Amandeep Singh
Published: May 18, 2025 6:28 PM
Last updated: May 19, 2025 2:57 AM
Share
Justice BR Gavai:
SHARE

द लेंस डेस्क। (CJI) Justice BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई ने महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल का पालन न करने पर फटकार लगाई है। CJI के रूप में अपनी पहली महाराष्ट्र यात्रा के दौरान, मुंबई में एक समारोह में उन्होंने कहा कि राज्य के बड़े अधिकारियों को उनके स्वागत के लिए मौजूद रहना चाहिए था। यह बयान रविवार को मुंबई में आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान आया, जहां जस्टिस गवई ने अपनी नाराजगी जाहिर की।

क्या बोले CJI गवई

जस्टिस गवई ने कहा, “मैं देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पहली बार महाराष्ट्र आया हूं। यह मेरा गृह राज्य है, और मैंने चैत्यभूमि जाकर बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। लेकिन मुझे इस बात से निराशा हुई कि महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी, जैसे मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), और पुलिस आयुक्त, प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस अवसर पर उपस्थित नहीं थे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायपालिका, विधायिका, और कार्यपालिका लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं, और इन सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

बाबा साहेब को दी श्रद्धाजंलि

जस्टिस गवई ने अपनी यात्रा की शुरुआत मुंबई में चैत्यभूमि से की, जहां उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “चैत्यभूमि मेरे लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है।” गवई, जो पहले बौद्ध और दूसरे दलित CJI हैं,  उन्होंने इस अवसर पर अपनी सामाजिक और आध्यात्मिक जड़ों को याद किया।

प्रोटोकॉल पर जोर

(CJI) Justice BR Gavai: CJI ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल का पालन न केवल औपचारिकता है, बल्कि यह लोकतांत्रिक संस्थानों के बीच आपसी सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “अगर मैं पहली बार अपने गृह राज्य में आ रहा हूं, तो यह अपेक्षा की जाती है कि राज्य के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहें। यह सम्मान का विषय है, जो कार्यपालिका को न्यायपालिका के प्रति दिखाना चाहिए।”

सम्मान समारोह में पहुंचे थे CJI

मुंबई में बार काउंसिल और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित इस समारोह में जस्टिस गवई का स्वागत किया गया। इस दौरान लगभग 400 वकील महाराष्ट्र से उन्हें सम्मानित करने के लिए उपस्थित थे। जस्टिस गवई ने इस अवसर पर न केवल प्रोटोकॉल के महत्व पर बल्कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि न्यायिक रिक्तियों को भरने और लंबित मामलों को कम करने के लिए दोनों को मिलकर काम करना होगा।

जस्टिस गवई का सफर

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जो 14 मई 2025 को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने, महाराष्ट्र के अमरावती से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 1985 में वकालत शुरू की और बॉम्बे हाईकोर्ट में सरकारी वकील और लोक अभियोजक के रूप में काम किया। 2003 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज बने और 2005 में स्थायी जज। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने और अब CJI के रूप में अपनी छह महीने की अवधि में कई महत्वपूर्ण फैसले ले चुके हैं, जिसमें पुणे में 1998 के अवैध भूमि हस्तांतरण को रद्द करना शामिल है।

TAGGED:Big_NewsJustice BR GavaiMaharashtramaharashtra governmentMumbaisupreme court
Previous Article War on social media साहित्य क्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समावेता युयुत्सव : सोशल मीडिया के युद्धक्षेत्र में साहित्यकारों की मोर्चाबंदी
Next Article the lens podcast The Lens Podcast 17 May 2025 | सुनिए देश-दुनिया की बड़ी खबरें | The Lens
Lens poster

Popular Posts

सरकार का फाइनल अल्टीमेटम नहीं माना, 200 NHM कर्मचारी बर्खास्त, कल जेल भरो आंदोलन

रायपुर। नौकरी में नियमित करने की मांग को लेकरकरीब एक महीने से हड़ताल पर बैठे…

By दानिश अनवर

1000 करोड़ के NGO घोटाले की CBI जांच शुरू, एजेंसी ने समाज कल्याण विभाग के दफ्तर से रिकॉर्ड किए सुरक्षित

रायपुर। समाज कल्याण विभाग से जुड़े एनजीओ घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से सीबीआई…

By दानिश अनवर

जमीन पर कहां है निवेश

भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन में मेहमानों के बीच खाने को…

By The Lens Desk

You Might Also Like

Om Birla
छत्तीसगढ़देश

क्या लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रायपुर से अप्रसन्न लौटे?

By लेंस ब्यूरो
देश

नक्सलवाद को बड़ा झटका, सीसी सदस्य सोनू दादा उर्फ भूपति सहित 60 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 50 हथियार डाले

By बप्पी राय
Union Cabinet decisions
देश

केंद्रीय कैबिनेट के फैसले : किसानों को 2000 करोड़ की वित्तीय सहायता, रेलवे की 6 घोषणाएं

By आवेश तिवारी
amul prices drop
देश

अमूल ने घटाए दूध, दही, घी, पनीर और मक्खन के दाम

By आवेश तिवारी

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?