नागपुर। नागपुर में औरंगजेब का पुतला जलाने पर हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले में पुलिस ने बुधवार को मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान को गिरफ्तार किया। उसे 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। फहीम खान ने 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा किया और हिंसा को बढ़ावा दिया था। दंगाइयों ने महिला पुलिसकर्मी के कपड़े उतारने और झड़प के दौरान उन्हें गलत तरीके से छूने की भी कोशिश की।
फिलहाल नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा को काबू पा लिया गया है। पुलिस ने अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर जांच जारी है। स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बरकरार है। दूसरी तरफ संभाजीनगर (पुराना नाम औरंगाबाद) में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रास्तों पर बैरिकेडिंग और सख्त चेकिंग की जा रही है ताकि तनाव न फैले।
17 मार्च की शाम नागपुर में हिंसा फैली थी। इसमें गाड़ियों को आग लगाने और तोड़फोड़ के साथ ही पथराव किया गया था। पुलिस पर भी हमला किया गया। 33 पुलिसकर्मी और 5 नागरिक घायल हो गए थे। हिंसा करने वालों पर पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर-बितर किया।
हिंसा के बाद मंगलवार,18 मार्च को नागपुर के 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। दंगाइयों ने 12 बाइक, कई कारें और एक जेसीबी को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर भी हमला हुआ, जिसमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी घायल हुए। एक नागरिक की हालत गंभीर है और वह आईसीयू में भर्ती है।
17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब के पुतले जलाए और गोबर से बनी एक प्रतीकात्मक “कब्र” को हरे कपड़े के साथ आग लगा दी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद शाम साढ़े 7 बजे महल इलाके में पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे “पूर्व नियोजित” घटना बताया और शांति की अपील की। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि औरंगजेब का समर्थन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि फडणवीस को अपने इलाके में हालात संभालने चाहिए थे। इसके अलावा उध्दव ठाकरे ने कहा कि अगर औरंगजेब की कब्र को हटाना है तो आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को भी बुलाएं।
19 मार्च की सुबह तक नागपुर में हालात स्थिर हैं। पुलिस गश्त जारी है और मुस्लिम बहुल इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। प्रशासन अफवाहों पर नजर रख रहा है ताकि और कोई घटना ना हो।