नई दिल्ली |आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में व्यापक बदलाव की सिफारिश की गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने केंद्र सरकार से इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की उम्र सीमा को 70 साल से घटाकर 60 साल करने और इलाज के लिए मिलने वाली राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। समिति का मानना है कि इससे देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना का लाभ मिल सकेगा।
योजना का विस्तार और मौजूदा स्थिति
केंद्र सरकार ने पिछले साल 11 सितंबर को AB-PMJAY के तहत ‘वय वंदना योजना’ शुरू की थी, जिसके जरिए 4.5 करोड़ परिवारों के 70 साल से अधिक उम्र के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को कवर किया गया। यह योजना 2017 में शुरू की गई थी और इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना माना जाता है। इसके तहत देश के सबसे गरीब 40 प्रतिशत लोगों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। अब तक साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना के तहत इलाज करा चुके हैं।
समिति की सिफारिशें
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उम्र सीमा को 60 साल करने से बुजुर्गों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, इलाज की राशि को दोगुना करने से गंभीर बीमारियों के इलाज में होने वाले बढ़ते खर्च को कवर किया जा सकेगा। समिति का यह भी सुझाव है कि योजना के दायरे को बढ़ाने से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
योजना की खासियतें
आयुष्मान भारत योजना के तहत देश भर के चयनित सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसमें सभी तरह की बीमारियां, पुरानी बीमारियां, मेडिकल जांच, ऑपरेशन, दवाइयां और ट्रांसपोर्ट खर्च शामिल हैं। भर्ती होने से 10 दिन पहले और बाद के खर्च भी इस योजना में कवर किए जाते हैं।
राज्यों का विरोध
हालांकि, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्य इस योजना को लागू करने से इनकार कर रहे हैं और अपनी खुद की स्वास्थ्य योजनाएं चला रहे हैं। इससे योजना के एकसमान कार्यान्वयन में चुनौतियां सामने आ रही हैं।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
केंद्र सरकार ने अभी तक समिति की सिफारिशों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये प्रस्ताव लागू होते हैं, तो यह योजना स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।