खेल मंत्रालय ने लगभग 26 महीनों बाद भारतीय कुश्ती संघ से निलंबन हटाया, पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण के करीबी संजय सिंह ही संभालेंगे जिम्मेदारी
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने लगभग 26 महीनों बाद भारतीय कुश्ती संघ (WFI) से निलंबन हटा लिया है और संघ की बागडोर संजय सिंह को सौंप दी है। संजय सिंह, जो बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं, अब कुश्ती संघ की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे।
महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, जब दिसंबर 2023 में संजय सिंह अध्यक्ष बने, तो मात्र 72 घंटे के भीतर ही खेल मंत्रालय ने संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस निलंबन की एक प्रमुख वजह बृजभूषण शरण सिंह की भूमिका भी मानी जा रही थी। अक्टूबर 2024 में कुश्ती संघ ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर निलंबन आदेश वापस लेने के लिए अनुरोध किया था।
21 दिसंबर 2023 को हुए चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह के पैनल ने जीत हुई थी। इस जीत पर बृजभूषण ने कहा था कि दबदबा तो है। इसके विरोध में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती को अलविदा कह दिया था।

बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ का विवाद
गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह 2012 से 2023 तक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर काबिज थे। लेकिन 2023 की शुरुआत में महिला पहलवानों ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, जिससे कुश्ती संघ में बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
जनवरी 2023 में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया और 18 जनवरी को बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग उठाई। यह प्रदर्शन कई हफ्तों तक चला। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 28 अप्रैल 2023 को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और जून 2023 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
बृजभूषण के इस्तीफे के बाद दिसंबर 2023 में हुए कुश्ती संघ के चुनावों में उनके करीबी सहयोगी संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया। लेकिन उनकी नियुक्ति के महज तीन दिनों के भीतर खेल मंत्रालय ने संघ पर निलंबन लगा दिया। मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2023 को आरोप लगाया कि संघ ने जल्दबाजी में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया, जो नियमों के खिलाफ था।