नई दिल्ली। ‘वे 200 बार बहिष्कार करेंगे लेकिन हम इस देश में एक भी घुसपैठिए को वोट नहीं देने दिया जाएगा।‘ यह बात केंद्रीय गृहमंत्री ने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान तब कही जब विपक्ष उनके भाषण के बीच ही बॉयकॉट कर बाहर चला गया।
दरअसल, विपक्ष को अमित शाह की वह बात नागवार गुजरी, जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्ष एसआईआर का विरोध इसलिए कर रही है ताकि घुसपैठियों को बचाया जा सके।

संसद के शीतकालीन सत्र के आज आठवें दिन लोकसभा में एसआईआर पर चर्चा के दौरान सदन में जोरदार हंगामा हुआ। गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें राहुल गांधी ने अमित शाह को खुली बहस (डिबेट) की चुनौती दी और प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने को कहा। इसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही कल सुबह तक स्थगित कर दी गई।
अमित शाह ने विपक्ष के वॉकआउट पर कड़ा हमला बोला और कहा कि असल मुद्दा घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल करने और उन्हें संरक्षण देने का है, लेकिन विपक्ष इसे सुनना ही नहीं चाहता। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “ये लोग 200 बार भी भागें, हम एक भी घुसपैठिए को नहीं छोड़ेंगे।”
शाह ने अपनी सरकार की नीति को दोहराया कि घुसपैठियों को चिह्नित करो, हटाओ और देश से बाहर करो, जबकि विपक्ष की नीति रही है कि घुसपैठ को सामान्य बनाओ, उन्हें पहचान दो और वोटर लिस्ट में डाल दो।
विपक्ष ने लगातार SIR और कथित वोट चोरी के आरोपों के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की। राहुल गांधी ने दावा किया कि आरएसएस सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है और बीजेपी चुनाव में इन संस्थाओं का दुरुपयोग करती है। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी के दम पर वहा बीजेपी की सरकार बनी।
जवाब में अमित शाह ने करारा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों आरएसएस की विचारधारा से आते हैं और यह जनादेश की ताकत से हुआ है, किसी की मेहरबानी से नहीं। शाह ने सवाल उठाया कि क्या कोई कानून है जो आरएसएस विचारधारा वाले व्यक्ति को उच्च पद पर बैठने से रोकता है? उन्होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि 1969 में इंदिरा गांधी ने वामपंथियों से गठजोड़ कर कई अहम पद उन्हें सौंपे थे।
अंत में शाह ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, अनुच्छेद 370 हटाना, राम मंदिर निर्माण जैसे कामों की बदौलत जनता का विश्वास जीतती है, वोट चोरी से नहीं। आरएसएस की विचारधारा पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा कि उसकी सोच सिर्फ एक ही है – देश के लिए जीना और देश के लिए मरना।

