रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में कल से तीन दिन तक यानी कि 28 से 30 नवंबर तक आईआईएम रायपुर में 60वां अखिल भारतीय DG-IG कॉन्फ्रेंस (DG-IG conference) शुरू होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी चीफ, एनआईए चीफ सहित देशभर के सभी राज्य व केन्द्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे।
इसके अलावा इंटेलिजेंस और पैरामिलिट्री बलों के प्रमुख अधिकारी, गृह सचिव, राज्य गृह सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 28 नवंबर की रात रायपुर पहुंच जाएंगे। वे नवा रायपुर में नए बने स्पीकर हाउस में रहेंगे। इस वजह से स्पीकर हाउस को अस्थाई पीएमओ घोषित किया गया है। 29 और 30 नवंबर को प्रधानमंत्री कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखेंगे।
छत्तीसगढ़ में पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के कई डीजी आईजी रायपुर पहुंच चुके हैं।
डीजी कॉन्फ्रेंस का यह 60वां आयोजन है। करीब 10 वर्षों से इसका आयोजन देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहा है। 2014 से यह कॉन्फ्रेंस देश के अलग-अलग राज्यों में होती है। 2013 तक इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन सिर्फ दिल्ली में होता था। अब तक दिल्ली के अलावा ओडीशा के भुवनेश्वर, राजस्थान के जयपुर, यूपी लखनऊ, महाराष्ट्र के पुणे, असम के गुवाहाटी, गुजरात के कच्छ और केवड़िया, तेलंगाना के हैदराबाद, मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित टेकनपुर में हो चुका है।
आतंरिक सुरक्षा से लेकर राज्यों के बीच समन्वय पर फोकस
छत्तीसगढ़ में यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि लगातार चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन के बीच माओवादी संगठन में दो फाड़ हो गया है। माओवादी इतिहास में पहली बार नक्सली शांति वार्ता के लिए हथियार छोड़ने को तैयार हुए हैं।
नक्सल विरोधी अभियान के अलावा आंतरिक सुरक्षा के तहत सबसे ज्यादा फोकस ड्रग्स तस्करी को लेकर होगा। बॉर्डर राज्यों के जरिए पड़ोसी मुल्कों से ड्रग्स की सप्लाई के अलावा ड्रग्स के इंटरनेशनल कार्टल भी देशभर में एक्टिव हैं। उनको रोकने के लिए प्रयासों पर चर्चा होगी।
सम्मेलन के दौरान कई अहम विषयों पर भी मंथन होगा, जिनमें देश में आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, ड्रग्स नियंत्रण और साइबर क्राइम, सीमा सुरक्षा, इंटर स्टेट पुलिस समन्वय, एडवांस एंड कम्यूनिटी पुलिसिंग, नेशनल सिक्योरिटी की रणनीति तैयार होगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में होगा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़, विशेष रूप से बस्तर में दशकों से माओवाद सक्रियता का केंद्र रहा है। इस लिहाज़ से इस सम्मेलन को राज्य के साथ-साथ देश की आंतरिक सुरक्षा रणनीति के लिहाज़ से रणनीतिक रूप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
केंद्र सरकार दावा कर रही है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त कर देंगे। इसके तहत बस्तर में बड़े स्तर पर ऑपरेशन चल रहे हैं। इसके अलावा कई बड़े-बड़े नक्सल कमांडरों ने सरेंडर भी किया है। माओवादी पार्टी के महासचिव बसवराजू और नक्सल कमांडर माडवी हिड़मा सहित करीब 10 से ज्यादा टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं।
ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ में डीजी आईजी कॉन्फ्रेंस का होना अहम माना जा रहा है।
पहली बार DGP-IGP कॉन्फ्रेंस के आयोजन से छत्तीसगढ़ की भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में रहेगा। यह सम्मेलन केंद्र और राज्य पुलिस, खुफिया एवं पैरामिलिट्री बलों के बीच समन्वय मजबूत करेगा। LWE (नक्सलवाद), साइबर सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण, ड्रग्स जैसे समकालीन चुनौतियों के लिए रणनीति बनेगी, और भविष्य के लिए नए रोडमैप तैयार होंगे।
नवा रायपुर हाई सिक्योरिटी जोन
कॉन्फ्रेंस के मद्देनजर नवा रायपुर को हाई-सिक्योरिटी जोन घोषित किया गया है। SPG सहित कई केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
भारी वाहनों के प्रवेश पर 28–30 नवंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि वीवीआईपी मूवमेंट सुरक्षित हो सके। आयोजन स्थल IIM-Raipur परिसर को पहले ही SPG टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है, और पूरी तैयारी की जा चुकी है।
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