नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
नीतीश सरकार की नई कैबिनेट में सर्वाधिक चर्चा उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को लेकर है। रालोमो कोटे से कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया है। वहीं मांझी परिवार से उनके बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद की शपथ ली है। गजब यह है कि दोनों ही चुनाव नहीं लड़े हैं।चिराग पासवान की लोजप से दो मंत्री बनाए गए हैं। इनमें संजय कुमार और संजय कुमार सिंह को मंत्री बनाया गया है।
कुशवाहा परिवार से कौन बना मंत्री
उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी इस कैबिनेट में जगह मिली है। इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सासाराम से जीतीं उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता कुशवाहा को मंत्री नहीं बनाया गया है जबकि पहली बार विधायक बनने के बावजूद उनका मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था।
उपेंद्र कुशवाहा अपने पुत्र दीपक प्रकाश को मंत्री बनाने का फैसला लिए। दीपक ने चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन कैबिनेट में शामिल किए गए हैं तो छह महीने के भीतर उन्हें विधान परिषद के रास्ते विधानमंडल में भेजा जाएगा।
हम कोटे से सुमन की वापसी
जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर)’ से उनके बेटे और विधान परिषद के सदस्य संतोष कुमार सुमन ने मंत्री पद की शपथ ली है। सुमन पहले भी नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं और मांझी की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख नेता माने जाते हैं।
बिहार में मंत्री बनने के लिए या तो किसी का भी विधायक या विधानपार्षद होना अनिवार्य है। बिहार में मंत्री बनने के लिए या तो किसी का भी विधायक या विधानपार्षद होना अनिवार्य है। ऐसे समझिए कि अगर कोई नेता विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य नहीं है तो वो मंत्री नहीं बन सकता।
लेकिन इस बार के मंत्रिमंडल में एक पार्टी में 5 विधायकों के रहते एक विधानपार्षद ने शपथ ली। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी सिंह को भी मंत्री बनाया गया है।

